होम / Delhi: प्राण प्रतिष्ठा के कारण दिल्ली में बैंड की बढ़ी मांग, शादी का सीजन को पीछे छोड़ा

Delhi: प्राण प्रतिष्ठा के कारण दिल्ली में बैंड की बढ़ी मांग, शादी का सीजन को पीछे छोड़ा

• LAST UPDATED : January 19, 2024

India News(इंडिया न्यूज़), Delhi: दिल्ली में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। शादी के सीजन में पारंपरिक बैंड की मांग बढ़ जाती है। हालांकि, सामान्य सीजन की तुलना में इस बार पारंपरिक बैंड की मांग बढ़ी है। अयोध्या स्थित राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला का प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जा रहा है। पूरे देश में इसकी तैयारियां चल रही हैं। इस मौके पर राजधानी दिल्ली के सैकड़ों मंदिरों में उत्सव कार्यक्रम मनाने की योजना बनाई जा रही है। ऐसे में इन पारंपरिक बैंड्स की बुकिंग भी बढ़ गई है। ये बैंड रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक डेढ़ हजार से ज्यादा मंदिरों में भजन-कीर्तन और भक्ति गीत के कार्यक्रम पेश करेंगे।

जिया थडानी बैंड ग्रुप (Delhi)

जिया थडानी बैंड ग्रुप के मालिक के मुताबिक इस बार दो अहम सीजन एक साथ शुरू हो रहे हैं। इसलिए, हम अपने दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे करेंगे। इस साल शादियों के साथ राम बारात निकलने के कारण ढोल, नगाड़े और बैंड की मांग काफी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि इस बार छोटे और बड़े दोनों बैंड 21 और 22 जनवरी की बुकिंग मैनेज करने की तैयारी में हैं। मांग को पूरा करने के लिए, बैंड के सदस्यों को छोटी टीमों में विभाजित किया गया है। इस बार बैंड ग्रुप की बुकिंग 50 से 60 फीसदी तक बढ़ गई है। इसके लिए आरती के मौके पर मशहूर भजन ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी’ के साथ एक खास धुन तैयार की जा रही है। इस दिन बैंड के सदस्य केसरिया रंग की पोशाक पहनेंगे।

22 जनवरी को दिल्ली में 1500 कार्यक्रम

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रम के बारे में बैंड वल्लाह ने बताया कि इसके लिए सामूहिक भजन-कीर्तन के लिए विशेष प्लेलिस्ट तैयार की गई है, जबकि आरती पूजा के लिए वाद्ययंत्र बजाए जाएंगे। इसी तरह राजधानी के एक बैंड ग्रुप ने बताया कि उन्होंने इसके लिए धार्मिक गीतों के साथ भगवान राम और हनुमान जी के लिए विशेष भजन भी तैयार किये हैं। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ब्रिजेश गोयल के मुताबिक इस बार प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में 1500 से ज्यादा जगहों पर कार्यक्रम होंगे। जिसमें मंदिर, बाजार, स्थानीय समाज और सामुदायिक केंद्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शादी के सीजन और रामलला प्राण प्रतिष्ठा के चलते सुंदर और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की मांग बढ़ गई है।

इसे भी पढ़े:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox