India News-delhi (इंडिया न्यूज) : दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की 12 जुलाई को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में सबसे बड़ा फैसला यह था कि अब डीयू में यूजी और पीजी लेवल पर रूसी भाषा की पढ़ाई शुरू की जाएगी। यह डीयू में पहली बार होगा कि यूजी स्तर पर रूसी भाषा का प्रोग्राम शुरू होगा।
बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर एक अलग चेयर स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, MSc फोरेंसिक साइंस के छात्रों को अब पुलिस स्टेशन जाकर क्राइम सीन का दौरा करने की अनुमति दी जाएगी।
डीयू के छात्रों के लिए एक नई सुविधा भी शुरू की जाएगी। अब छात्र एक साथ दो डिग्री कोर्स कर सकेंगे। इसके तहत, वे एक डिग्री को नियमित मोड में और दूसरी डिग्री को ओपन और डिस्टेंस लर्निंग मोड में कर सकते हैं। इसके लिए कुछ नियम और शर्तें होंगी जिनका पालन करना होगा।
बैठक में डॉ. बीआर अंबेडकर चेयर पर भी सवाल उठाया गया। कुलपति ने बताया कि इस चेयर के लिए यूजीसी को प्रस्ताव भेजा गया है और वहां से अनुमति मिलने के बाद इसे स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, UGCF 2022 के आधार पर आर्ट्स फैकल्टी में रूसी प्रोग्राम को भी मंजूरी दी गई है, जो एकेडमिक सत्र 2024-2025 से लागू होगा।
दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेजों में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया पर भी कुलपति ने जानकारी दी और कहा कि सभी कॉलेजों को 31 जुलाई 2024 तक वेकेंसी के लिए विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए जाएंगे।
अंत में, संस्कृत विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को दिल्ली विश्वविद्यालय की डिग्रियों के समान मान्यता देने पर भी विचार हुआ। इसके तहत, संस्कृत विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को शोध और रोजगार के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की डिग्रियों के बराबर माना जाएगा।
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