India News(इंडिया न्यूज़)Delhi Excise Policy: दिल्ली की मौजूदा शराब नीति 30 सितंबर 2023 को समाप्त होने जा रही है। नई शराब नीति का मसौदा तैयार नहीं हो पाने के कारण सरकार ने पुरानी शराब नीति को ही लागू करने का फैसला किया है। नई शराब नीति का मसौदा तैयार करने में हो रही देरी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने मौजूदा यानी पुरानी एक्साइज पॉलिसी को छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है। विभागीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। अधिकारियों ने बताया कि अगले छह महीने तक पुरानी आबकारी नीति लागू रहेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने अपेक्षित मंजूरी के बाद मौजूदा उत्पाद शुल्क नीति को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया है।
दिल्ली सरकार के उत्पाद शुल्क विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, पिछले साल 1 सितंबर को लागू की गई नीति का समय बढ़ाने का उत्पाद शुल्क विभाग का प्रस्ताव सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था। उपराज्यपाल कार्यालय से इसकी फाइल सरकार को वापस भेज दी गई और ‘देखा’ अंकित कर दिया गया। अधिसूचना के बाद, मौजूदा उत्पाद शुल्क लाइसेंस को आनुपातिक आधार पर शुल्क के भुगतान पर छह महीने के लिए नवीनीकृत किया जाएगा।
दिल्ली की मौजूदा शराब नीति 31 मार्च 2023 को खत्म होने वाली थी। नई शराब नीति का मसौदा तैयार नहीं होने के कारण सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने उस समय इसे 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया था। अभी नई आबकारी नीति का ड्राफ्ट तैयार नहीं हुआ है। इसलिए नई शराब नीति आने तक पुरानी आबकारी नीति को बढ़ाया जाए।दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने नई शराब व्यापार प्रणाली लाने में लगने वाले समय को देखते हुए अपनी मौजूदा आबकारी नीति को छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल से अपेक्षित मंजूरी के बाद मौजूदा आबकारी नीति को 6 महीने तक बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नीति के विस्तार के संबंध में शुक्रवार को उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की जायेगी। अधिसूचना के बाद, मौजूदा उत्पाद शुल्क लाइसेंस को आनुपातिक आधार पर शुल्क के भुगतान पर छह महीने के लिए नवीनीकृत किया जाएगा। सरकार का कहना है कि जल्द ही नई शराब नीति तैयार की जाएगी। नई शराब नीति तैयार होने तक अगले 6 महीने तक मौजूदा शराब नीति लागू रहेगी।