Fake job racket busted in Delhi: दिल्ली के द्वारका जिले में फर्जी जॉब रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच की टीम ने की है। माममे पर जानकारी देते हुए स्पेशल सीपी क्राइम आरएस यादव ने बताया है कि द्वारका जिले के गांव में नौकरी का रैकेट चलाया जाता था। एमएचए (गृह मंत्रालय) के लेबल के तहत फर्जी भर्तियां की गईं। डिपार्टमेंट ऑफ क्रिमिनल इंटेलिजेंस के लेबल पर फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाया जाता था।
अधिकारियों ने बताया है कि आरोपियों के निशाने पर इसमें मुख्य रूप से बेरोजगार, गरीब और भोले-भाले बच्चे थे।आगे जानकारी देते हुए आरएस यादव ने कहा है कि इसके लिए हर उम्मीदवार से 5 लाख रुपये लिए गए और उन्हें इसे गुप्त रखने के लिए कहा। यह 2021 में शुरू किया गया था और 2022 में उन्होंने जाफरपुर कलां में किराए पर एक घर लिया और इसे प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया। मामले में इसका मास्टरमाइंड आशीष चौधरी समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, और बाकी की तलाश जारी है।
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उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी राजधानी के कई इलाकों से फर्जी जॉब रैकेट का मामला सामने आ चुका है। हाल के दिनों में दिल्ली पुलिस ने शक के आधार पर कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो रेलवे में फर्जी नौकरी देने के नाम पर लोंगो को अपनी ठगी का शिकार बना रहे थे। पुलिस ने गिरफ्तार कर सभी को जेल भेज दिया।
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