India News (इंडिया न्यूज), दिल्ली ,Delhi Flood,Delhi News: दिल्ली में इस साल यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर 207.81 मीटर तक पहुंच गया था। जो पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते नजर आयी। राजधानी में आई बाढ़ से दिल्ली वालों को काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा लेकिन पर्यावरणविद् यमुना की इस बाढ़ को पर्यावरण के लिए बेहतर मान रहे हैं। बाढ़ से यमुना में पानी की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है। साथ ही बाढ़ ने अपने साथ उपजाऊ मिट्टी को बहाकर लायी जो फसलों की गुणवत्ता को बढ़ाने में कारगर सिध्द होगी। यही वजह है कि पर्यावरणविद् यमुना की इस बाढ़ को पर्यावरण के लिए बेहतर बता रहे हैं। उनका मानना है कि बाढ़ से जहां यमुना के पानी की गुणवत्ता बेहतर हुई है, वहीं बाढ़ में बह कर आई उपजाऊ मिट्टी यमुना के किनारे खेती करने वाले किसानों की उपज को बढ़ा देगी। कयाश लगाए जा रहे हैं कि शायद दिल्ली वालों को अगली गर्मियों में पीने के पानी की किल्लत का सामना नहीं करना होगा। वजह यमुना का जलस्तर बढ़ने से भूगर्भ जल के स्तर में बढ़ोत्तरी होगी। यमुना के तट तक बह कर पहुंचे छोटे-छोटे जलीय जीवों और भूमि में आद्रता के चलते इस साल दिल्ली में चीन, साइबेरिया, यूरोप और रूस से आने वाले विदेशी पक्षियों की संख्या में काफी इजाफा होने की संभावना जतायी जा रही है।
बाढ़ कैसे लाती है उपजाऊ मिट्टी
आपको बता दें कि बाढ़ का पानी अपने साथ पर्वतों से उपजाऊ गाद यानि मिट्टी को मैदानों की तरफ लाती है। ये मिट्टी काफी उपजाऊ होती है। बाढ़ के पानी के साथ बहकर आने से मैदानी इलाकों में इस उपजाऊ मिट्टी की एक परत बन जाती है। जिससे खेतों में मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसल काफी अच्छी होती है।
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