India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Flood: दिल्ली में मानसून का मौसम आते ही कई जगहों पर सड़कों पर जलभराव दिखने लगता है। जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम और वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। इसके अलावा भारी बारिश होने पर दिल्ली पर बाढ़ का खतरा भी मंडराता रहता है। इस बार नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने पिछले साल की कमियों से सबक लेते हुए इस साल अपने ड्रेनेज सिस्टम के लिए लॉन्ग टर्म एक्शन प्लान तैयार किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने अपने ड्रेनेज सिस्टम में आने वाली समस्याओं को तुरंत ठीक करने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान भी बनाए हैं। अधिकारी ने बताया कि NDMC द्वारा किए गए अध्ययन के बाद ये प्लान तैयार किए गए हैं। इसमें 17 संवेदनशील इलाकों से गाद निकालना भी शामिल है। कुल 14 उप-ड्रेनेज सिस्टम की पहचान की गई है, जिसमें 578 किलोमीटर कवर्ड ड्रेन, 11,907 मैनहोल और 14,264 बेल माउथ शामिल हैं। एजेंसी के दूसरे अधिकारी ने बताया कि NDMC की ड्रेनेज सिस्टम सीमा इस्ट में पश्चिमी यमुना पर रिज और साउथ में रिंग रोड के बीच है।
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अधिकारी ने कहा, इंडिया गेट के उत्तर का क्षेत्र – कनॉट प्लेस और आस-पास के इलाके – एमसीडी ड्रेन सिस्टम के ज़रिए सीधे यमुना में बहते हैं। उन्होंने कहा, हमारे ज़्यादातर ड्रेनेज चैनल कुशक ड्रेन और सुनहरी पुल्ला ड्रेन में गिरते हैं जो अंततः बारापुला और फिर यमुना में बहते हैं। योजना के अनुसार, क्षेत्र में बाढ़ के पीछे मुख्य कारणों में बारापुला बेसिन के पास तेज़ी से शहरीकरण, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली मेट्रो के कामों के कारण शामिल हैं। नागरिक निकाय का अनुमान है कि ड्रेनेज सब-सिस्टम में पुनर्वास कार्य पर लगभग ₹1,600 करोड़ खर्च किए जाएंगे।