Delhi government will give a chance to plant saplings for free: अब हर दिल्लीवासियों को मुफ्त में पौधा लगाने का मौका मिलेगा। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी में हरियाली बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार एक योजना पर कार्य कर रही है। जिसके तहत हर दिल्लीवासियों को मुफ्त में छोटे पौधे और गमले उपलब्ध कराए जाएगें। उक्त जानकारी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को एक इंटरव्यू के दौरान दी है।
राय ने इंटरव्यू में कहा कि भारत में वनों की स्थिति पर ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में हरियाली का दायरा 2019 में 21.88 फीसदी से बढ़कर 2021 में 23.06 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली सरकार हरित क्षेत्र में सुधार के लिए शहरी खेती जैसे वैकल्पिक मॉडल को अपनाने की योजना बना रही है। ताकि भविष्य में भी राष्ट्रीय राजधानी में हरियाली को बनाए रखा जा सके।
उन्होंने बताया, “वन विभाग और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) एक पायलट परियोजना शुरू करने जा रहे हैं, जिसके तहत लोगों को उनके घरों तक मुफ्त में पौधे और गमले मुहैया कराए जाएंगे।”
राय ने कहा, “हम वार्ड-वार सर्वे कर रहे हैं, लोगों से पूछे रहे हैं कि उन्हें किस तरह के पौधे चाहिए। मैंने अपने विधानसभा क्षेत्र (उत्तर-पूर्वी दिल्ली का बाबरपुर) में सर्वे करवाया है। अगर यह परियोजना सफल हो जाती है, तो हम वैकल्पिक हरित क्षेत्र बनाने में सक्षम हो जाएंगे।”
साथ ही उन्होंने कहा, “जैवविविधता विशेषज्ञों के अनुसार, बड़े पौधों के मुकाबले छोटे पौधों का रखरखाव आसान होता है और उन्हें कम संसाधनों की भी जरूरत पड़ती है। इससे चुनिंदा क्षेत्र में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए छोटे पौधे ज्यादा टिकाऊ विकल्प बनकर उभरते हैं।”
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के आंकड़ो के अनुसार, हरियाली को बढ़ाने के लिए दिल्ली के अलग-अगल क्षेत्रों में लगाए गए पौधे में से उत्तरजीविता दर(मरने से बचने की संभावना ) बहुत कम आंकी गई है। इसके कई कारणों का भी अध्ययन किया गया है। जिसमें पाया गया कि कुछ इलाकों की मिट्टी वृक्षारोपण के अनुकूल नहीं होती है। इसके अलावा इससे देखरेख में भी लापरवाही की बात सामने आई है।
वन विभाग की ओर से पिछले साल मई में दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश आंकड़ों से पता चला था कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले तीन वर्षों में लगाए गए 16,461 पौधों में से महज 33.33 फीसदी ही जीवित बच सके हैं।
यही कारण है कि दिल्ली सरकार की ओर से इसका नए तरीके से हल निकालने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार के द्वारा ये पहल भी उसी का उदाहरण है।