नई दिल्ली। Delhi Government will make the Capital city of Lakes राजधानी दिल्ली आने वाले समय में झीलों के शहर के तौर पर भी जानी जाएगी। यह 80 एकड़ में विकसित की जा रही रोहिणी झील पर्यटकों के लिए नया टूरिस्ट स्पॉट तो बनेगी ही साथ ही पक्षियों और जानवरों के लिए एक आशियाना भी बनेगा। इसी कड़ी में शनिवार को दिल्ली के जल मंत्री व दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने रोहिणी सेक्टर-25 स्थित रोहिणी झील का मुआयना किया।
झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा
जल मंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर सुझाव दिए, जो दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से झील को उम्मीदों के अनुरूप बदलने और समय से गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज करने के लिए परियोजना को तैयार करने के लिए कहा है।
आठ महीने के अंदर परियोजना के पूरा होने की उम्मीद
जल मंत्री ने बताया कि उनका प्राथमिक उद्देश्य 80 एकड़ भूमि पर बनाई जाए रही रोहिणी झील को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है, ताकि यह लोगों के मनोरंजन के लिए टूरिस्ट स्पॉट बन सके। यह परियोजना 8 महीने की समय सीमा में पूरा होने की उम्मीद है। इसके पूरा होने के एक महीने बाद ही पर्यटकों के लिए ओपन किया जाएगा। सत्येंद्र जैन ने कहा कि रोहिणी झील को सुंदर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम विशेषज्ञों की मदद भी ले रहे हैं।
झील सालभर साफ पानी से भरी रहेगी
झील को इस तरह से पुनर्विकसित किया जा रहा है कि लोगों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनें। झील सालभर साफ पानी से भरी रहेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इससे अधिकतम अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज हो। ये सभी कार्य पर्यावरण के अनुसार ही हो रहे हैं। उन्होंने बचाया कि बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जलाशयों को जीवित करना जरूरी है। इसके लिए भी दिल्ली सरकार द्वारा लगातार काम किया जा रहा है।
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रही झील
झील का विकास पिकनिक स्पॉट (पर्यटन स्थल) के रूप में किया जा रहा है। करीब 80 एकड़ के क्षेत्र में झील का अत्याधुनिक भूनिर्माण किया जाएगा। झील स्थल में प्राइमरी और सेकेंडरी, दो पैदल चलने के लिए पथ और 4.5 मीटर का एक जंगल का रास्ता भी होगा, जो झील के बीच से होकर गुजरेगा। यहां लगे कई पेड़-पौधे न केवल पर्यटकों को इसकी सुंदरता के लिए आकर्षित करेंगे बल्कि लोगों को प्रकृति के करीब आने का भी मौका मिलेगा।
झील में कई विश्व स्तरीय सुविधाएं भी होंगी
झील में कई विश्व स्तरीय सुविधाएं भी होंगी, जैसे पार्किंग स्पेस, कैफेटेरिया, चिल्ड्रन पार्क, एंट्रेंस प्लाजा, ग्रैंड स्टेप्ड प्लाजा आदि। झील स्थल पर एक स्टेप्ड वाटर गार्डन, वाटर एल्कोव्स और भारत में जल संचयन की कहानी बताने वाला एक आउटडोर म्यूजियम भी बनाया जाएगा। रोहिणी झील पिकनिक स्पॉट, दर्शनीय स्थल, खेलकूद के अलावा सुबह-शाम सैर और शारीरिक व्यायाम करने वाले लोगों के लिए भी एक बेहतर जगह होगी।
पक्षियों और जानवरों के रहने का बनेगी बेहतर ठिकाना
रोहिणी झील न केवल दिल्ली के लोगों के लिए एक मनोरंजन स्थल के रूप में विकसित होगी, बल्कि इसके विकसित होने के बाद यह परियोजना दिल्ली के गिरते भूजल स्तर में सुधार लाने में भी मददगार साबित होगी। झील कार्बन भंडारण के लिए एक सिंक के रूप में भी काम करेगी। पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेगी। झील से आसपास की आबोहवा भी साफ होगी। इससे महानगर की बढ़ती आबादी के लिए पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के चरम के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी।
रोहिणी झील में एक एनोक्सिक तालाब
आसपास के लोगों को भी राहत मिलेगी। रोहिणी एसटीपी से ट्रीटेड वेस्टवॉटर को वाटर पॉलिशिंग प्रोसेस से गुजरने के बाद इसे झील में छोड़ा जाएगा। रोहिणी झील में एक एनोक्सिक तालाब भी है, जिसमें प्राकृतिक पौधे होंगे और झील में जल स्तर बढ़ाएंगे। जलीय वनस्पतियों और जीवों के लिए जगह के साथ-साथ एक मछली का तालाब भी होगा। छत पर एक सौर पैनल के साथ एक पेयजल झील भी होगी। इस परियोजना से वेस्टवॉटर को दोबारा उपयोग करने में मदद मिलेगी और आसपास के वातावरण में सुधार के साथ हरियाली भी बढ़ेगी।