इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Delhi Govt Should Give Minimum Wage To Construction Workers : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि प्रदूषण और कोविड के कारण निर्माण गतिविधियों के बंद होने से प्रभावित सभी पंजीकृत श्रमिकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरविन्द सरकार द्वारा केवल 5 हजार रुपये की राशि केवल छलावा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्य बंद होने पर मिनिमम वेज की दरों के आधार पर मजदूरों को पेमेंट करने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल केवल 83,183 श्रमिकों को होली के मौके पर 5 हजार रुपये देने को इंवेट बनाकर पेश कर रही है जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 11 लाख से भी अधिक निर्माण श्रमिक है जिनमें मात्र 8.5 लाख को ही अब तक हाई कोर्ट की बार-बार फटकार के बाद पंजीकृत किया हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि काँग्रेस पार्टी की माँग करती है कि सभी पंजीकृत मजदूरों को कम से कम एक महीने की न्यूनतम मजदूरी की दर से लगभग 15000 रुपये मजदूरों के खाते में डाला जाए। अरविन्द केजरीवाल की प्रवृति है हर बात को बढ़ा चढ़ा कर प्रचारित करने की, ताकि सच्चाई को छिपाया जा सके।
अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली सरकार के उनका पास चेहरा चमकाने हेतू दिल्ली में 600 एलईडी स्क्रीन लगाने के लिए 476 करोड़ रुपये फिजूल खर्च करने के लिए है परंतु पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सहायता राशि देने के लिए फंड नही है।
उन्होंने कहा कि पिछले समय में लम्बे समय तक कोविड और प्रदूषण के कारण लम्बे समय तक निर्माण कार्य सरकारी आदेश के बाद बंद रहे थे। जिसके कारण कारण इन श्रमिकों की अजीविका पूरी तरह प्रभावित हुई तथा 15 दिनों तक सरकारी सहायता का इंतजार करने के बाद श्रमिक अपने-अपने घर लौटने को मजबूर हो गए थे।
अनिल कुमार ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने केवल 4.91 लाख श्रमिकों को मात्र 5 हजार रुपये की सहायता राशि दी जबकि यह सभी जानते है कि प्रदूषण के कारण पूरी दिल्ली में मजदूरों का काम बंद हो चुका था।
उन्हांने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार को ई-श्रम पोर्टल पर सभी निर्माण श्रमिकों को राहत राशि देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकतार्ओं द्वारा निशुल्क कैम्प लगाकर श्रमिकों की सहायता करने के पश्चात ही इतनी बड़ी संख्या में श्रमिकों का पंजीकरण हो पाया है।
अनिल कुमार ने कहा कि पोर्टल पर मजूदरों के पंजीकरण की प्रक्रिया बहुत ही जटिल है जिस कारण मजदूरों का पंजीकरण आसानी से नही हो पा रहा है जिसके लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
काँग्रेस पार्टी माँग करती है कि मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया आसान बनाई जाए, ताकि मजदूरों को आर्थिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सभी पंजीकृत श्रमिकों को तुरंत प्रभाव से न्यूनतम मजदूरी की दर के तहत 15000 रुपये की सहायता राशि उनके खातों में डालवाए। (Delhi Govt Should Give Minimum Wage To Construction Workers)
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