Sunday, July 7, 2024
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नई दिल्ली (Delhi Govt. vs LG Row: Manish Sisodia held a press conference and made allegations against the LG one after the other) : कल 4 फरवरी को एलजी वीके सक्सेना ने प्रिंसिपल के लिए लगभग 126 पदों को मंजूरी दी थी।

दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर रस्सा-कशी चल रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर उपराज्यपाल पर एक के बाद एक आरोप लगाए। मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी वी के सक्सेना ने असंवैधानिक रूप से सरकार के सेवा विभाग पर कब्जा कर लिया है और स्कूलों में प्रिंसिपल की भर्ती रोक दी है।

क्या है पूरा मामला ?

कल 4 फरवरी को एलजी वीके सक्सेना ने प्रिंसिपल के लिए लगभग 126 पदों को मंजूरी दे दी और कहा कि दिल्ली सरकार की “उदासीनता और निष्क्रियता” के कारण ये पद समाप्त हो गए हैं। एलजी ने आगे बताया कि 370 पदों को 2014 से 2019 तक शिक्षा निदेशालय द्वारा भरा जाना चाहिए था।

सिसोदिया का पलटवार

मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा “एलजी साहब को 370 प्रिंसिपल की नियुक्ति की फाइल भेजी एलजी ने 126 की इजाजत देकर 244 नियुक्तियां रोक दी कहा- स्टडी करवाओ की प्रिंसिपल चाहिए या नहीं? ये तो LG की दादागिरी है हमारे पास सर्विस डिपार्टमेंट होता तो 8 साल से फाइल नहीं घूमती, 1 महीने में नियुक्तियां होती।” सिसोदिया ने आगे कहा कि साल 2015 में सर्विस डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री के पास था, फिर इन्होंने (एलजी) कब्ज़ा कर लिया।

दिल्ली में एलजी की ज़रूरत है या नहीं, इसकी स्टडी करओ- सिसोदिया

एलजी सेक्सेना पर हमला करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब कह रहे हैं कि दिल्ली के स्कूलों में प्रिंसिपल की जरूरत है या नहीं इसकी स्टडी होनी चाहिए लेकिन हम कह रहे हैं कि दिल्ली में एलजी का कार्यालय होना चाहिए या नहीं इसकी स्टडी होनी चाहिए।

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