इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Delhi High Court : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को कालकाजी मंदिर परिसर में बनी अवैध झुग्गियों और धर्मशालाओं को शीघ्र खाली कराने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा है कि अवैध रूप से रहे लोगों को तुरंत हटा दी जाए क्योंकि 2 अप्रैल से नवरात्र शुरू हो रहा है। इस दौरान मंदिर में बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं आएगे। मंदिर में आने वाले भक्तों को समुचित प्रबंध करने की जरूरत है।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि नवरात्र में मंदिर दर्शन के लिए बड़े पैमाने पर देश भर से लोग आते हैं। ऐसे में परिसर में अवैध झुग्गियों और धर्मशाला में लोगों का रहने देना, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मुसीबत हो सकता है। ऐसे में किसी भी हालत में मंदिर परिसर को खाली कराना ही होगा। क्योंकि मंदिर परिसर में रहने वाले लोग न तो खुद से हट रहे हैं और न ही किराये पर फ्लैट में या रैन बसेरे में जा रहे हैं। (Delhi High Court)
ऐसे में खाली कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली पुलिस के दक्षिणी रेंज के संयुक्त पुलिस उपायुक्त मीनू चौधरी, संबंधित पुलिस उपायुक्त इशा पांडेय को मंदिर परिसर से झुग्गियां व धर्मशाला खाली कराने की प्रक्रिया की निगरानी करने का आदेश दिया है। इसके अलावा डीडीए उपाध्यक्ष, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को इस प्रक्रिया में पुलिस को पूरा सहयोग करने का आदेश दिया है। (Delhi High Court)
वहीं दूसरी ओर उच्च न्यायालय ने मंदिर का कामकाज देखने के लिए नियुक्त किए गए प्रशासक पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जेआर मिधा व अन्य निकाय को इस काम के लिए जरूरत के हिसाब से लोगों को लगाने की छूट दी है। इसके साथ ही, कलाकाजी थाना प्रभारी, मंदिर के पुजारी और बारीदार को भी झुग्गियां व धर्मशाला खाली कराने में पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय ने मंदिर परिसर में अस्थायी दुकान/ कियोस्क बनाने के लिए नियुक्त आर्किटेक को 31 मार्च को होने वाली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही बिजली-पानी के कनेक्शन के लिए संबंधित निकाय में जब भी जरूरत हो, आवेदन करने का आदेश दिया है। ताकि परिसर में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो सके।
उच्च न्यायालय ने प्रशासक को नवरात्र में आने वाले श्रद्धालुओं को फूल-माला, प्रसाद, पूजा सामग्री और पूजा के बर्तन बेचने के लिए टेबल लगाने की इजाजत देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही प्रशासक को यह आदेश दिया कि यह टेबल लगाने की इजाजत सिर्फ उन्हें ही दी जाए, जिन्होंने अस्थायी दुकान के लिए 30-30 हजार रुपये जमा किए हैं।
उच्च न्यायालय ने नवरात्र उत्सव के दौरान कालकाजी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त एवं स्वच्छ पेयजल का प्रबंध करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है कि मंदिर परिसर में सीवर लाइन किसी भी हाल में जाम नहीं होना चाहिए। (Delhi High Court)
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