India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi High Court: राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को एक जवाब दिया है, जिसमें बताया गया है कि शहर में 4600 से अधिक स्कूलों के लिए पांच बम निरोधक दस्ते (BDS) और 18 टीमें बम का पता लगाने के लिए तैनात हैं।
पुलिस ने अदालत को बताया कि पिछले साल से ही स्कूलों में बम होने की धमकियों के मामलों का ध्यान रखा जा रहा है और उसने इस मामले में BDS की तैनाती के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का भी आदेश जारी किया है।उपरोक्त जवाब में बताया गया है कि इस वर्ष के बीच छह मई तक स्कूलों में कुल 120 ‘मॉक ड्रिल’ (अभ्यास) का आयोजन किया गया है।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने पुलिस से स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित कदमों का विवरण मांगा था, जिसमें बम की धमकी के मामले में पेरेंट्स पर ज्यादा निर्भरता के बिना बच्चों को सुरक्षित निकाला जा सके। अदालत ने प्रत्येक जोन में स्कूलों की संख्या, संबंधित नोडल अधिकारी, और ‘मॉक ड्रिल’ की संख्या का विवरण प्रस्तुत करने को कहा था।हम आपको बता दें कि वकील और याचिकाकर्ता अर्पित भार्गव ने 2023 में मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) में बम होने की धमकी पर याचिका दायर की थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि रेलवे और मेट्रो यूनिट रेंज के साथ एक-एक दस्ता है। इसके अलावा, बम का पता लगाने वाली 18 टीम (BDT) भी हैं। यह सभी 15 जिलों में एक-एक तथा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, रेलवे यूनिट, और मेट्रो यूनिट के लिए टीम तैनात की गई है। BDT के लिए रिपोर्टिंग प्राधिकारी संबंधित जिला पुलिस उपायुक्त (DCP) या यूनिट डीसीपी हैं।
पुलिस ने बताया कि बम निरोधक दस्तों और बम का पता लगाने वाली टीम के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया 2021 में पहले ही जारी की जा चुकी है। नोडल अधिकारी खतरे की सूचना मिलने पर इसके अनुसार कदम उठाएंगे।शिक्षा निदेशालय (DoE) ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में पूर्व में कहा था कि स्कूलों में सुरक्षा के मामलों में उसकी शून्य-सहिष्णुता नीति है और उसके अधिकारी आपदाओं से निपटने के लिए दिशानिर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
Read More: