India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi High Court: गाजीपुर में डेयरी चलाने वाले कुछ किसानों की मांग पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में डेयरियों की हालत सुनी, जो बहुत खराब हैं। कोर्ट ने इसे पक्षकार के तौर पर सुना, पर शहर में दहशत नहीं फैलाने का भी संदेश दिया। आवेदनकर्ता से कहा गया कि वह कोर्ट में आए और सवालों का जवाब दें।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत PS अरोड़ा की बेंच ने एक आवेदन करने वाले के वकील से सवाल पूछा कि क्या ये लोग किसी दूसरी दुनिया में रहते हैं? क्या उन्हें इन इलाकों की बदहाली नजर नहीं आती? उनके वकील ने जवाब दिया कि आवेदनकर्ता का कहना है कि संबंधित मामले में डेयरी चलाने वाले किसानों का पक्ष भी सुना जाना चाहिए।
इस पर कोर्ट ने कहा कि हमने इस मामले में अब तक जो भी आदेश जारी किए हैं, वो कोई कल्पना के आधार पर नहीं है। हमने एक बार नहीं, बल्कि दो बार अपने वकीलों को वहां भेजकर जांच कराई है। वहां की तस्वीरें उन इलाकों की दयनीय स्थिति को बयां करती हैं।
उच्च न्यायालय ने गाजीपुर में डेयरी चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस की महत्वकारीता को जताया। कोर्ट ने पूछा कि क्या डेयरी चलाने वालों के पास गाजीपुर में डेयरी चलाने के लिए अवश्यक लाइसेंस हैं? क्या वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके पशु लैंडफिल साइट के पास चरने नहीं जाएंगे? क्या डेयरियों में मवेशियों को अवैध तरीके से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं? क्या डेयरियों की सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और मवेशियों को आवश्यक मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है?
कोर्ट ने आवेदनकर्ता को इन सवालों के जवाब देने के लिए कहा, जैसे कि इलाके में कितनी डेयरियां संचालित हैं। बेंच ने उजागर किया कि कई स्थानों पर मरे हुए पशुओं, अंधेरे में ऑक्सीटोसिन का अवाजाहीन इस्तेमाल और सफाई की अनदेखी की तस्वीरें सामने आई हैं। इसके पश्चात, न्यायालय ने आदेश जारी किए।
फिर, कोर्ट ने आवेदनकर्ता से उपरोक्त सवालों के उत्तर देने का निर्देश दिया, और उसे कोर्ट में मौजूद दस्तावेजों की जाँच के बाद आना होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में आदेश जारी किया, जिसमें बताया गया है कि लैंडफिल साइट के पास स्थित डेयरी कॉलोनियों को गाजीपुर और भलस्वा के दूसरे क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया है।
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