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Delhi High Court: “INDIA” गठबंधन के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई आज; विपक्षी दलों, केंद्र और ECI को नोटिस

• LAST UPDATED : August 4, 2023

India News (इंडिया न्यूज), नई दिल्लीः इंडिया गठबंधन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में राष्ट्रीय ध्वज को अपने गठबंधन के लोगो के रूप में उपयोग करने की वजह व निर्दोष नागरिकों की सहानुभूति और वोट हासिल करने की मंसा को देखते हुए गिरीश उपाध्याय ने अधिवक्ता वैभव के माध्यम से याचिका दायर कर दी। याचिकाकर्ता गिरीश उपाध्याय का मानना है कि राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अपने गठबंधन के लोगो के रूप में उपयोग कर वोट हासिल करने की रणनीतिक कदम है।

केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी

लगभग 26 विपक्षी दलों ने मिलकर भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का संक्षिप्त नाम (आई.एन.डी.आई.ए) यानि कि इंडिया के उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर आज,शुक्रवार 4 अगस्त को सुनवाई हुई। सुनवाई के उपरान्त हाईकोर्ट ने  केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है।

याचिका में लगाया गया आरोप

याचिका में आरोप लगाया गया कि राजनीतिक दल दुर्भावनापूर्ण इरादे से संक्षिप्त नाम इंडिया का उपयोग कर रहे हैं जो न केवल हमारे देश में बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भी हमारे महान राष्ट्र यानी भारत की सद्भावना को कम करने के लिए कारक के रूप में कार्य करेगा। साथ यह भी कहा गया कि यदि भारत शब्द का उपयोग भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा एक संक्षिप्त शब्द के रूप में किया जाएगा, लेकिन इसके पूर्ण रूप (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) में नहीं, तो इससे निर्दोष नागरिकों के बीच भ्रम की भावना पैदा होगी। गठबंधन यानी इंडिया 2024 के आम चुनाव में हार जाता है तो इसे भारत के रूप में पेश किया जाएगा क्योंकि संविधान में भी ‘इंडिया, दैट इज भारत’ लिखा है। भारत देश पूरा हार गया है, जो देश के निर्दोष नागरिकों की भावनाओं को फिर से आहत करेगा जिससे राजनीतिक हिंसा हो सकती है।

याचिका में जताई गई चिंता


याचिका में कहा गया कि इन राजनीतिक दलों के कृत्य से आगामी 2024 के आम चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे नागरिकों को अनुचित हिंसा का सामना करना पड़ सकता है और देश की कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।

याचिका में की गई मांग

याचिका में गृह मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। संक्षिप्त नाम आई.एन.डी.आई.ए का उपयोग करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।

किन पार्टियों के खिलाफ याचिका हुई दायर

याचिका में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, टीएमसी, आरएलडी, जेडीयू, समाजवादी पार्टी, डीएमके, आम आदमी पार्टी, जेएमएम, एनसीपी, शिव सेना (यूबीटी), राजद, अपना दल (कमेरावादी), पीडीपी, जेकेएनसी, सीपीआई के नामों का उल्लेख किया गया है।सीपीआई (एम), एमडीएमके, कोंगनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके), विदुथलाई चिरुथिगल काची, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि) और मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके) को पक्ष बनाया गया है।

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