Sunday, July 7, 2024
HomeCrimeDelhi Highcourt: दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, गर्भवती पत्नी की मौत...

India News(इंडिया न्यूज़)Delhi Highcourt: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक गर्भवती पत्नी की मौत में हुए भ्रूण की हानि के लिए पति को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय दिया है। अदालत ने कहा कि व्यक्ति, महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के खोने के लिए भी मुआवजे का हकदार है। हादसे के समय, महिला के गर्भ में पल रहा भ्रूण आठ महीने का था और महिला उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल थी। उसका भी एक परिवार था। शादी के कुछ साल बाद उसके घर में खुशियां आने वाली थीं। पत्नी मां बनने वाली थी। वह 8 महीने की गर्भवती थी। पति और पत्नी का परिवार घर में नए मेहमान का स्वागत करने की तैयारियां कर रहे थे।

लेकिन,अचानक एक दिन एक सड़क हादसे में पत्नी की मौत हो गई। पति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हादसे के 10 साल बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी मियाद सुन ली। कोर्ट ने पति की स्थिति को समझते हुए मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये देने का आदेश जारी किया है।

पति ने दुर्घटना में अपने पूरे परिवार को खो दिया

जस्टिस नवीन चावला की सिंगल जज बेंच ने आदेश देते हुए कहा कि हादसे के वक्त महिला के अंदर एक जीवन पल रहा था। महिला की मौत से बच्चे को भी नुकसान पहुंचा है। जस्टिस नवीन चावला ने आगे कहा कि पति ने इस सड़क दुर्घटना में अपने परिवार को खो दिया और जिसने अभी दुनिया नहीं देखी यानी वह बच्चा भी शामिल था। जस्टिस ने कहा कि इसे देखते हुए पति इस मुआवजे का हकदार था।

2013 की है दुर्घटना

यह घटना आज से 10 साल पहले 2013 की है। उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात महिला की मोटरसाइकिल के पीछे से एक ट्रक की चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी। उस समय महिला बाइक में पीछे की ही सीट पर बैठी थी। दुर्घटना के वक्त महिला की उम्र 27 साल थी और वह 8 महीने की गर्भवती थी। ट्रक की टक्कर से महिला की मौत हो गई थी। पति ने इसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद अदालत ने उसकी दलील को सुनते हुए 5 लाख का मुआवजा देने का आदेश जारी किया है। पहले यह मुआवजा राशि 2.5 लाख रुपये थी।

2.5 नहीं 5 लाख दिया जाना चाहिए मुआवजा

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मां के अंदर पल रहे बच्चे को हुए नुकसान के लिए मोटर दुर्घटना एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल की ओर से दिया गया 2.5 लाख का मुआवजा पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि पत्नी की मौत के बाद पति को इसके लिए उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। पति इसका हकदार भी है। अदालत ने आगे जोड़ा कि मामले को ध्यान में रखते हुए पति को ट्रिब्यूनल की ओर से 2.5 लाख की जगह 5 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।

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Nidhi Jha
Nidhi Jha
Journalist, India News, ITV network.
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