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Delhi Hospitals: HC में AAP का बड़ा दावा, कहा – ‘कोविड वॉर रूम को बनाया सेंट्रलाइज्ड कमांड एंड कंट्रोल रूम’

• LAST UPDATED : May 24, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi Hospitals: दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों में ICU बेड की उपलब्धता को रियल टाइम मॉनिटरिंग करने के लिए मजबूत किया है। उन्होंने इस बात का दवा दिल्ली की हाई कोर्ट में किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी अरविंद कुमार ने हाई कोर्ट को बताया कि अस्पतालों में सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड वॉर रूम को सेंट्रलाइज्ड कमांड एंड कंट्रोल रूम में तब्दील किया गया है और राज्य सरकार के अंतर्गत सभी अस्पतालों में आईसीयू बेड की ऑक्यूपेंसी और वैकेंसी को रियल टाइम मॉनिटर किया जा रहा है। इसके अलावा, सभी अस्पतालों को एनआईसी डेटा मैनेजमेंट पोर्टल पर मैप किया जा रहा है। आईसीयू बेड डैशबोर्ड को दिन में कम से कम तीन बार अपडेट किया जा रहा है।

Delhi Hospitals: क्या आया रिपोर्ट्स में?

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों में आईसीयू बेड की उपलब्धता को रियल टाइम मॉनिटरिंग करने के साथ ही जरूरी दवाओं और सामान की समय पर अस्पतालों में आपूर्ति का सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, स्पेशल सेक्रेटरी नियमित रूप से बैठक कर रहे हैं ताकि आवश्यक दवाओं और सामग्रियों की इन्वेंटरी अपडेट की जा सके।

इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अस्पतालों, डिस्पेंसरियों और आम आदमी मोहल्ला क्लीनिकों के लिए जरूरी दवाओं और सामान को उपलब्ध कराने के लिए CPA का उपयोग किया जा रहा है। इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के आदेश के अनुसार, डॉ. एसके सरीन के डॉक्टरों की समिति द्वारा सुझाए गए तत्काल उपायों को 30 दिनों के भीतर लागू करने का निर्देश दिया गया है।

शुरू हुई ये प्रक्रिया

रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट कमिटी के गठन के बारे में बताया गया है कि अप्रूव्ड कमिटी के गठन के लिए जरूरी आदेश 13 मई को जारी किया गया है, जिसके काम पहले से तय हैं। अस्पतालों में विभिन्न पदों पर गवर्नमेंट डॉक्टर्स, स्पेशलिस्ट, नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टाफ को कॉन्ट्रैक्ट या आउटसोर्स करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

सीटी स्कैन और एमआरआई सर्विसेज के लिए पीपीपी मॉडल के जरिए चीफ सेक्रेटरी और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री के आदेश पर एक कमिटी गठित की गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने हाई कोर्ट में दावा किया है कि गवर्नमेंट डॉक्टर्स के 234 पदों और नॉन टीचिंग स्पेशलिस्ट के 279 पदों को भरे जाने के लिए यूपीएससी को और नर्सिंग कैडर के 1621 और 895 पैरामेडिकल पोस्ट के लिए DSSSB को आवेदन भेजे गए हैं। टीचिंग स्पेशलिस्ट की नियुक्ति भारत सरकार को करनी है, जबकि विभाग फिलहाल कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर इन पदों को भर रहा है।

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