India News(इंडिया न्यूज़)Delhi Hospitals: दिल्ली के बड़े अस्पतालों में प्रति दिन 3-4 हजार मरीज इलाज करवाने आते हैं। वहीं, छोटे अस्पतालों में मरीजों की संख्या एक से डेढ़ हजार की रहती है। वर्तमान में दिल्ली सरकार के 30 अस्पताल हैं। दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए छोटे अस्पतालों को ठीक किया जाएगा। अस्पतालों की व्यवस्था को देखते हुए दिल्ली के lg वीके सक्सेना ने समीक्षा बैठक में विभाग को डॉक्टर और कर्मियों के खाली पदों को तत्काल स्थाई तौर पर भरने का आदेश दिया गया है।
आपको बताना चाहते हैं कि वर्तमान में दिल्ली सरकार के 30 अस्पताल है। इसके अलावा सोसाइटी के सहयोग से सरकार 8 अन्य अस्पताल का संचालन कर रही है. जैसे की जीबी पंत, गुरु नानक आई केयर सेंटर, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान और कुछ अन्य अस्पताल सेवाएं प्रदान करते हैं। यह सेवाएं बाहरी दिल्ली व दूरदराज क्षेत्र में चल रहे सरकार के अन्य छोटे अस्पताल में भी मौजूद हैं, लेकिन डॉक्टर न होने के कारण मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अस्पतालों में खाली पदों को भरने के लिए उपराज्यपाल से दो राउंड की बैठक हो गई है। इसमें कहा गया है कि जब तक यूपीएससी से स्थायी भर्ती नहीं होती, तब तक अनुबंध के आधार पर तत्काल खाली सभी स्पेशलिस्ट, डॉक्टर, टेक्नीशियन सहित अन्य स्टाफ की भर्ती की जाए।
दिल्ली के सभी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भारी कमी हैं। इसमें रोबोटिक्स व सामान्य सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थीसिया, न्यूरो, कार्डियो, गैस्ट्रो सहित अन्य विभाग के प्रोफेसर शामिल हैं। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार करीब 250 स्पेशलिस्ट की सूची तैयार की गई है। अभी स्पेशलिस्ट सेवाओं के लिए मरीजों को बड़े अस्पतालों में छह माह से एक साल तक का इंतजार करना पड़ जाता है।डॉक्टर ना होने की वजह से मरीज को बड़े अस्पताल में रेफर किया जाता है।
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