आज समाज नेटवर्क, नई दिल्ली। Delhi is Like a time Bomb एनजीटी ने लैंडफिल साइटों पर आग लगने की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है। एनजीटी का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अन्य शहरों में मौजूद कचरे के ढेर यानी डंपिंग साइट किसी टाइम बम की तरह हैं। एनजीटी की यह कठोर टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है जब कुछ ही दिन पहले दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर भीषण आग लग गई थी। बीते 28 मार्च के बाद से गाजीपुर लैंडफिल साइट पर तीन बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं।
लैंडफिल साइट पर लगी आग से आसमान में धुएं का गुबार Delhi is Like a time Bomb
बुधवार को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग के कारण आसमान में धुएं का गुबार फैल गया था जिससे हवा प्रदूषित हो गई थी। यही नहीं पिछले साल गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने की चार घटनाएं हुई थीं। सनद रहे कि साल 2017 में गाजीपुर में मौजूद कचरे के इस पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर सड़क पर गिर गया था जिसकी चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई थी।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली समेत दूसरे शहरों में मौजूद कचरा फेंकने की जगहें किसी टाइम बम की तरह हैं क्योंकि इन जगहों पर लगातार मीथेन गैस पैदा होती है जिससे आग लगने और विस्फोट होने का खतरा बना रहता है। न्यायमूर्ति एके गोयल का कहना है कि डंपिंग साइटों पर आग लगने की घटनाएं अन्य शहरों में भी हो रही हैं जो बेहद चिंता की बात है।
दिल्ली में स्थिति बेहद गंभीर Delhi is Like a time Bomb
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल ने कहा कि दिल्ली में स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। इसके लिए संबंधित विभागों और प्रशासन की ओर से तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है। मालूम हो कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर साल 1984 से कूड़ा गिराया जाना शुरू किया गया था। अभी भी इसके निस्तारण की कोई पुख्ता और मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है। यही कारण है कि यह लैंडफिल साइट धीरे-धीरे कूड़े के पहाड़ के रूप में तब्दील हो गया है। मौजूदा वक्त में यह लैंडफिल साइट 70 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है।