Delhi LG: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सरकारी और ग्रामसभा की जमीन को फर्जी तरीके से एक व्यक्ति के नाम करने के आरोप में दिल्ली प्रशासनिक अधीनस्थ सेवा के ग्रेड-1 के अधिकारी हरीश बजाज को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजनिवास से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि हरीश बजाज ने साल 2015-16 के दौरान राजस्व विभाग द्वारा जारी नियमों, विनियमों और निर्देशों का उल्लंघन करते हुए ‘दुर्भावनापूर्ण इरादे और वित्तीय लाभ’ के साथ अवैध रूप से 106 व्यक्तियों को पंजीकृत किया था। जिनमें से 57 सरकारी, ग्रामसभा भूमि और पार्सल से संबंधित थे या फिर अधिग्रहण के लिए अधिसूचित थे। बजाज को साल 2020 में कदाचार, चूक और कमीशन के कृत्यों के लिए सेवानिवृत्त कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने अपील दायर कर दी। जब उनके खिलाफ कार्रवाई की गई, उस दौरान वह श्रम विभाग में उपसचिव थे।
एक अधिकारी के मुताबिक, बजाज ने साल 2020 में सेवाओं से ‘अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त’ किए गए सरकार के एक आदेश के खिलाफ अपील दायर की। इस मामले में एलजी ने निस्तारण करते हुए पाया कि कि ‘हरीश बजाज, उपसचिव (श्रम विभाग) को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सिद्ध कदाचार के लिए उचित दंड को लगाकर न्याय का उद्देश्य पूरा किया जाएगा।’ अधिकारी का कहना है कि बजाज ने प्रविधानों का उल्लंघन किया और सक्षम प्राधिकारी एडीएम (पूर्व) से भूमि की स्थिति रिपोर्ट लिए बिना भूमि से जुड़े 57 दस्तावेजों को पंजीकृत किया, जैसे दिनांक 25.08.2006 के आदेश द्वारा तय किया गया था।
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