इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : निजी कारणों का हवाला देकर बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। इससे पहले दिल्ली के एलजी नजीब जंग थे। अनिल बैजल का हाल के दिनों में दिल्ली सरकार के साथ काफी विवाद सामने आया था। अरविंद केजरीवाल सरकार ने इन पर काम नहीं करने देने सहित केंद्र का एजेंट होने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
जानकारी के मुताबिक उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। नजीब जंग के बाद वह दिल्ली के एलजी बने थे। बता दें कि दिल्ली में 13 मई, 2022 को भयावह त्रासदी हुई थी। इसमें 27 लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी। इस हादसे पर एजली अनिल बैजल ने अग्निकांड की मजिस्ट्रियल जांच को मंजूरी दी थी। इसे छह सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट (पश्चिम) संबंधित विभागों और एजेंसियों की ओर से चूक की जांच करेंगे।
अनिल बैजल वर्ष 1969 बैच के केंद्र शासित प्रदेश काडर के पूर्व आइएएस हैं। दिसंबर 2016 में उन्हें दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्ति किया गया था। गत 31 दिसंबर को बैजल पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। दिल्ली की बात करें तो यहां के प्रशासनिक फैसलों में उपराज्यपाल की भूमिका रहती है। 2015 से दिल्ली और केंद्र के बीच परस्पर विरोधी विचारधारा के चलते प्रशासनिक मामलों में टकराव रहा है।
पहले उपराज्यपाल नजीब जंग और दिल्ली सरकार के बीच 36 का आंकड़ा रहा। उसके बाद शुरूआती सालों में अनिल बैजल का भी दिल्ली सरकार के साथ टकराव रहा है। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ईस्ट एंगिला यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। बता दें कि दिल्ली के उप राज्यपाल का पद इस लिहाज से भी बेहद अहम हो गया है कि दिल्ली के उच्च न्यायालय ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार का प्रशासनिक प्रमुख उप राज्यपाल ही है।