नई दिल्ली। आप लोगो को इस बात की जानकारी बहुत कम होगी कि शादी के बाद कपल का मैरेज रजिस्ट्रेशन होना बेहद जरूरी होता हैं और दिल्ली में इसका अकड़ा बहुत ही कम हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की 01 अक्टूबर से लेकर 2022 की 31 अगस्त के बीच 62,811 मैरेज रजिस्ट्रेशन के आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से कुल 56,918 शादियां ही रजिस्टर हुई हैं। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इस पीरियड में कम से कम 5 लाख शादियां हुई हैं या इससे ज्यादा हुई है।
रजिस्ट्रेशन करवाना क्यों है जरूरी?
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के साल 2006 में आए एक ऑर्डर के तहत और दिल्ली कंपलसरी मैरेज रजिस्ट्रेशन 2014 के तहत दिल्ली में शादियों का रजिस्ट्रेशन करवाना कंपलसरी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बहुत से सर्टिफिकेट्स जैसे वीजा, पासपोर्ट में पति का नाम अपने नाम के साथ जुड़वाने के लिए इस सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है।
इस कारण नहीं होते रजिस्ट्रेशन
इस मामले में दिल्ली के एक लॉयर का कहना है कि हिंदू लॉ के सेक्शन 8 के तहत मैरेज का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। वहीं कुछ कम्यूनिटी ऐसा नहीं करती। इसीलिए जितनी शादियां होती हैं उससे बहुत कम शादियां रजिस्टर होती हैं।
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