India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Metro: फिलहाल दिल्ली मेट्रो में एक्वा लाइन मेट्रो कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, लेकिन केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय में बातचीत के बाद एनएमआरसी ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की बात कही है। इससे पहले एनएमआरसी ने बेंगलुरु में एक टीम भेजी थी और वहां की लोकल मेट्रो का अध्ययन किया गया था। नई चीजें सीखने के बाद इसे एक्वा लाइन कॉरिडोर में लागू करने पर विचार किया गया है। इसके लिए एक कंसल्टेंट भी नियुक्त किया गया है।
एनएमआरसी हर साल 110 करोड़ रुपये की मदद लेती है, लेकिन फिर भी उसे हर साल करोड़ों का घाटा हो रहा है। इसे कम करने के लिए राइडरशिप के अलावा अन्य गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। इसमें एनएमआरसी की योजना भूमि उपयोग की मदद से राजस्व जुटाने, दुकानें किराए पर देने, कियोस्क, चार्जिंग स्टेशन और लगेज काउंटर बनाने की है।
एनएमआरसी तीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इसमें सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन और डिपो से बोड़ाकी तक के रूट की मंजूरी राज्य सरकार के पास लंबित है। वहीं, सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 तक के रूट पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में विचार चल रहा है। इन मार्गों के खुलने से लाखों लोगों को फायदा होगा। जेवर एयरपोर्ट से सेक्टर-142 होते हुए बॉटनिकल गार्डन मार्ग से दिल्ली जाने में मदद मिलेगी।
एक्वा लाइन का नाम बदलकर देसी शब्द पर आधारित रखा जाएगा। अभी तक नाम नहीं मिल पाया है। इसके लिए लोगों से भी सहयोग करने को कहा गया है।
एनएमआरसी के हर स्टेशन पर टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। फिलहाल यह सुविधा दो स्टेशनों पर उपलब्ध है। इसके अलावा मेट्रो कार्ड के लिए हर स्टेशन पर डायनेमिक क्यूआर कोड की सुविधा होगी।
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