इंडिया न्यूज़, Delhi News : दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास इमारत के भीतर लापरवाही की वजह से हुए हादसे के बाद अब परतें खुल रही हैं। हादसे के करीबन एक घंटे बाद ही फैक्ट्री के लिए मदद पहुंची। हादसा इतना भयानक था कि इसमें 27 लोगों की मौत और लगभग 27 लोगों की आग लगने के बाद लापता की खबर मिली है।
पुलिस इस हादसे की छानबीन करके केस की तह तक जाने में जुट गई है। जाचं के दौरान पता चला है कि इस फैक्ट्री में करीब 100 लोगों के आने जाने के लिए सिर्फ एक ही दरवाजा रखा गया था। इसके साथ ही पुलिस की जांच में कई और लापरवाहियां भी सामने आई हैं।
फैक्ट्री की जाचं के मुताबिक पता चला है कि इस इमारत में आग से बचने के लिए कोई भी प्रबंध नहीं था। इमारत के अंदर 100 से अधिक कर्मचारियों काम करते थे जिनके लिए सिर्फ एक ही आने जाने का दरवाजा था, जिसके कारण आग लगने के बाद लोगों को अपनी जान बचाने के लिए महज एक ही रास्ता से भागना पड़ा। इस इमारत को फायर विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की NOC नहीं दी गई थी।
फैक्ट्री में आग फैलने का एक बड़ा कारण ये भी था कि इमारत के भीतर प्लॉस्टिक भी इस्तेमाल मे लाया जाता था जिसकी वजह से आग की लपटें और भी फैलती चली गई। जिसके बाद आस पास के निवासियों और रेस्कयू टीमों द्वारा इमारता के अंदर फसें लोंगों को शीशे तोड़ कर और रस्सियोें की मदद से बचाया गया।
बिल्डिंग के तीनों फ्लोर दो भाई हरीश गोयल और वरुण गोयल द्वारा किराए पर लिए गए थें। ये दोनों ही फैक्ट्री के मालिक हैं। पुलिस ने दोनों को हिरास्त में ले लिया है। पूरी इमारत के मालिक की पहचान सुशीला लाकड़ा, उनके बेटे मनीष लाकड़ा के रूप में हुई है बता दें कि मनीष लाकड़ा फरार है।
फॉरेंसिक साइंस लैब की निदेशक दीपा वर्मा ने एक ब्यान के दौरान कहा कि वरिष्ठ विशेषज्ञों सहित हमारी दो जूट मौके पर जांच कर रहें है। इस जाचं के दौरान हर जरूरी चीज कलेक्ट की जाएगी। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के विशेषज्ञ सैंपल की जांच करने के बाद रिपोर्ट इन्वेस्टिंगेटिंग ऑफिसर को सौंपेंगे।