इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
दिल्ली के मुंडका गांव के एक बिल्डिंग में लगी आग ने प्रभावित लोगों के परिजनों का जीवन दूभर कर दिया है। सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने वाली जिस चार मंजिला बिल्डिंग में आग लगी उसके ग्राउंड फ्लोर को तीन साल पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने सील कर दिया था।
निगम से मिली जानकारी के अनुसार बिल्डिंग मालिक ने दूसरी ओर से रास्ता बनाकर उसकी दो मंजिलों को किराये पर दे दिया था और चौथी मंजिल पर वह खुद अपने परिवार के साथ रहता है। सील बिल्डिंग में अवैध रूप से फैक्ट्री चल रही थी, इस पर न केवल उत्तरी निगम बल्कि स्थानीय पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है।
27 लोगों की जिंदगी के लिए लाक्षागृह बनी यह बिल्डिंग मुंडका गांव के गैर औद्योगिक क्षेत्र में आता है। इस इलाके में फैक्ट्री के अलावा यहां अनेक फैक्ट्रियां और गोदाम गैर कानूनी तरीके से चल रहे हैं। यह इलाका उत्तरी निगम के नरेला जोन में आता है। पुलिस ने फैक्ट्री के दोनों मालिकों हरीश गोयल और वरुण गोयल को गिरफ्तार कर लिया है।
गोयल बंधुओं की यह फैक्ट्री भी बिना लाइसेंस के चलायी जा रही थी। इस मामले में नरेला जोन के उपायुक्त रंजीत ने बताया कि फैक्ट्री मालिक ने लाइसेंस लेने के लिए कुछ साल पहले आवेदन दिया था। लेकिन जब उनके दस्तावेजों की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने दस्तोवजों में फैक्ट्री के स्थान को औद्योगिक क्षेत्र में दिखा रखा था, जो उन्होंने गलत किया था। दस्तावेज गलत पाए जाने पर किसी तरह लाइसेंस जारी नहीं किया गया था।
निगम के सूत्रों के अनुसार यह फैक्ट्री गैर कानूनी तरीके से चल रही थी। इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर को करीब तीन साल पहले निगम विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर सील कर दिया था। ग्राउंड फ्लोर पर ही शराब की दुकान भी चल रही थी। उसके बाद इमारत मालिक ने इसकी दो मंजिलों को फैक्ट्री के लिए किराये पर दिया था। जो नियमों के खिलाफ है।
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