इंडिया न्यूज दिल्ली : Delhi Municipal Corporation Launched a Bulldozer on Violence दिल्ली नगर निगम ने जहांगीरपुरी इलाके में बड़ी कार्रवाई की। नगर निगम की कार्रवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी कर दिया। हालांकि कोर्ट के आॅर्डर के बाद भी बुलडोजरों ने अपना कार्य जारी रखा। 2020 में हुए दिल्ली दंगों के दंश से इलाका अभी उबर नहीं पाया था कि बुलडोजर की इस कार्रवाई ने लोगों की रोजी-रोटी पर एक बार फिर प्रहार किया है।
सुबह 10 ही जहांगीरपुरी इलाके में नगर निगम के कई बलडोजर पहुंचे। यहां सड़कों पर हुए अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया। कई लोगों की 15 से 30 साल पुरानी दुकानें तक तोड़ दी गईं। नगर निगम की अपनी कार्रवाई कर ही रहा था कि इतने में सुबह करीब 10.45 बजे सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई के खिलाफ डाली गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जहांगीरपुरी में गुरुवार तक यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दे दिए। इस बवात अधिकारियों ने कहा कि उन्हें जब कोर्ट का आदेश मिलेगा तो वह उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।
कोर्ट के आदेश के बाद कुछ देर के लिए जहांगीरपुरी में ध्वस्तीकरण का कार्य जरूर धीमा हुआ लेकिन इसके बाद फिर से बुलडोजरों ने जोरों से अवैध अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया। निगम के अधिकारियों जब से पूछा गया तो उन्होने कहा कि अब तक आदेश की कॉपी नहीं मिली है, जब मिलेगी तो कार्रवाई रुकेगी।
Read More : Kumar Vishwas’s tweet कुमार विश्वास ने पंजाब के भगवंत मान के खिलाफ किया टवीट
जूस विक्रेता मालिक को डीडीए से परमिशन मिली है, इसके बावजूद निगम ने इसे तोड़ दिया। दुकान के मालिक का आरोप है कि वह पूरे समय निगम के कर्मियों से कागज देखने के लिए गुहार लगाते रह गए लेकिन उनकी एक न सुनी।
बुलडोजर की कार्रवाई से कई दुकानें टूट गई। ऐसे में दुकान मालिकों का आरोप है कि उन्हें नगर निगम ने पहले से कोई नोटिस नहीं दी। उनका कहना है कि अब हमारा क्या होगा। हमारे रोजगार का क्या होगा, हमारा घर कैसे चलेगा। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि कम से कम ईद तक तो ये कार्रवाई रुक जाती।
हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी इलाके में हिंसा हुई थी। नगर निगम की कार्रवाई की जद में वो मस्जिद भी आई जिसके सामने 16 अप्रैल को हिंसा हुई थी। मस्जिद के नीचे बनी कई दुकानों को भी निगम ने ध्वस्त कर दिया।
निगम के अनुरोध पर दिल्ली पुलिस ने सुबह से ही इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। बुलडोजर आने से पहले से ही सड़क से लेकर घर की छतों तक हर जगह सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए थे ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
याचिकाकतार्ओं में से एक वृंदा करात खुद वहां कोर्ट का आदेश लेकर पहुंची। उन्होंने बुलडोजर के आगे खड़े होकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लहराई और कार्रवाई रोकी। इसके बाद वह स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक से मिलीं और कोर्ट के आदेश की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई रुकवा दी और सभी बुलडोजर वापस लौटे।
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube