नई दिल्ली: विजिलेंस ने फरीदाबाद नगर निगम के 200 करोड़ के घोटाले मामले में अब आईएएस के आधिकारियों को को पूछताछ करने के लिए बुलाना शुरू कर दिया है। इसी संबंध में विभाग ने पूर्व निगमायुक्त आईएएस सोनल गोयल को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया और शुक्रवार को कार्यालय में बुलाया था। नोटिस देने के बाद भी अधिकारी जांच में शामिल नहीं हुई।
वीआईपी ड्यूटी की तैयारियों की बात कहते हुए महिला अधिकारी ने शुक्रवार को जांच में न आने की सूचना विजिलेंस को भिजवाई। अब विजिलेंस ने उन्हें अगले सप्ताह के लिए नोटिस भेजा है। इस घोटाले के मामले में विजिलेंस के रडार पर तीन आईएएस अधिकारी हैं। बता दें कि ये सब लोग घोटाले के दौरान नगर निगम आयुक्त थे। विजिलेंस अन्य अधिकारियों को जल्द नोटिस देगा।
विजिलेंस कार्यालय में आईएएस अधिकारियों को बुलाकर पूछताछ की जाएगी। इस मामले में अब तक विजिलेंस ने ठेकेदार सतवीर, निलंबित मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, रमन शर्मा, जेई दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया है। ये सब अभी जमानत पर हैं। इसके अलावा ऑडिट विभाग से संयुक्त निदेशक दीपक थापर, वरिष्ठ लेखा अधिकारी विशाल कौशिक, वित्त नियंत्रक सतीश कुमार और वरिष्ठ लेखा अधिकारी हरगुलाल फागना को गिरफ्त में लिया गया है।
ये सभी इस समय जेल में हैं। विजिलेंस ने दावा किया है कि आईएएस अधिकारियों के खिलाफ उनके पास ऐसे कागज मौजूद हैं, जिससे ये साबित होता है कि घोटाले के बारे में पता होने के बाद भी वे चुप रहे। कई ऐसी फाइलें हैं, जिनमें ठेकेदार को बिना काम के ही भुगतान कर किया गया है। वहीं, कई मामलों में काम की लागत राशि को बढ़ाया गया है। इन फाइलों पर अधिकारियों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।
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