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नई दिल्ली: आदेश देने के बाद भी शक्तिखंड चार से डंपिंग ग्राउंड न हटाने की वजह से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नगर निगम पर 150 करोड़ और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) पर 50 करोड़ रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति का जुर्माना लगा दिया है। दोनों ही विभागों को एक महीने में जुर्माना जमा करने और छह महीने के अंदर डंपिंग ग्राउंड हटाए जाने के आदेश दिए गए हैं।
6 सितंबर को इसे लेकर सुनवाई हुई थी जिसमें जुर्माने का यह आदेश जारी किया गया जो गुरुवार को एनजीटी की साइट पर अपलोड किया गया था। इंदिरापुरम के शक्ति खंड-चार आवासीय इलाके में 35 हजार वर्ग मीटर जमीन पर लंबे टाइम से कूड़ा फेंका जा रहा है। इसके विरोध में कंफेडरेशन आफ ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए गाजियाबाद ने वर्ष 2018 में एनजीटी में याचिका दायर की थी।
संस्था के पदाधिकारी कुलदीप सक्सेना ने कहा कि डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा डाले जाने के बाद हर कुछ दिन में उसमें आग लगा दी जाती थी। इससे जो धुआं और दुर्गंध उठती थी वह कॉलोनियों और बहुमंजिला इमारतों में प्रदूषण को बढ़ा रहा थी। डंपिंग ग्राउंड के विरोध में आवासीय इलाके में स्थानीय निवासियों ने पिछले सालों में कई बार प्रदर्शन किया है।
याचिकाकर्ता कुलदीप सक्सेना ने जानकारी दी कि प्लॉट पर साल 2017 से कूड़ा डाला जाने लगा था। जब दुर्गंध बढ़ने लगी तो स्थानीय लोगों ने पहली बार जनवरी 2018 में सड़क पर विरोध किया था। विरोध प्रदर्शन और शिकायतों के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो एनजीटी में याचिका दायर की गई।
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