India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi News: लगातार चार दिनों में बाथ टब में डूबने से चार मासूम बच्चों को लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से दो बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई। तीसरे बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसके स्वजन उसे किसी दूसरे अस्पताल ले गए। शुक्रवार को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती चौथे बच्चे की हालत भी गंभीर बनी हुई है। ये घटनाएं दिखाती हैं कि टब या बाल्टी में बच्चों को नहलाते समय माता-पिता की छोटी-छोटी गलतियां उनके जीवन के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती हैं।
लोकनायक अस्पताल के इमरजेंसी विभाग की प्रभारी, डॉ. रितू सक्सेना ने कहा कि पानी से भरे टब या बाल्टी के पास बच्चों को अकेला छोड़ना बेहद खतरनाक हो सकता है। इसलिए, घर में छोटे बच्चे हों तो इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि वे पानी से भरे टब के पास अकेले न रहें।
अस्पताल में पहला मामला 18 जून को सामने आया। एक साल के बच्चे को उसके स्वजन अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर आए थे। पूछताछ में पता चला कि बच्चे की मां उसे टब में नहला रही थी और कपड़ा लेने के लिए थोड़ी देर के लिए वहां से हटी थी। इस बीच बच्चा टब में गिर गया। जब मां वापस आई तो देखा कि बच्चा पानी से भरे टब में मुंह के बल गिरा पड़ा है। इलाज के दौरान उस बच्चे की मौत हो गई।
19 जून को दूसरा मामला सामने आया। सीताराम बाजार के एक परिवार ने अपनी दो वर्षीय बच्ची को इमरजेंसी में भर्ती कराया। बाद में वे उसे किसी दूसरे अस्पताल ले गए। 20 जून को अजमेरी गेट इलाके से भी एक दो वर्षीय बच्ची को टब में डूबने की वजह से गंभीर हालत में इमरजेंसी लाया गया। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
डॉ. रितू सक्सेना ने बताया कि शुक्रवार को भी 11 माह के एक बच्चे को बाथ टब में डूबने के कारण इमरजेंसी में लाया गया। इस बच्चे की हालत गंभीर है।
डॉ. रितू सक्सेना ने कहा कि ये चारों घटनाएं एक जैसी हैं। अक्सर माता-पिता बच्चे को बाथ टब में बैठाकर नहलाते समय थोड़ी देर के लिए वहां से हट जाते हैं। छोटे बच्चों को नहलाते समय पानी से भरे टब में अकेला छोड़ने की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इससे गंभीर हादसे हो सकते हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए माता-पिता को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
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