India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Delhi News: CBI ने RML अस्पताल में एक रिश्वतखोरी रैकेट का पर्दाफाश किया है। दो डॉक्टरों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ अस्पताल में मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करने वाले भी शामिल हैं। उनका आरोप है कि वे मरीजों से इलाज के नाम पर रिश्वत लेते थे। यह एक बड़ा रैकेट था जो अस्पताल में आने वाले मरीजों से बड़ी रकम वसूल रहा था।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया है कि कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर पर्वतगौड़ा और उनके साथ ही अजय राज ने सामान्य रूप से रिश्वत की मांग की है। इन व्यक्तियों ने चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के माध्यम से मरीजों से वसूली की है।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने एक बड़ा रिश्वतखोरी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी लोग मरीजों से इलाज के नाम पर बड़ी रकम वसूल रहे थे, जैसे कि स्टेंट और अन्य चिकित्सा आवश्यकताओं की आपूर्ति, विशेष ब्रांड के स्टेंट, और लैब में चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के नाम पर। इनसे गरीब और बेहोश मरीजों को भी अस्पताल में भर्ती कराने का आरोप है। इस गंभीर मामले में जारी जांच में और भी अधिक दिलचस्प जानकारियां सामने आ सकती हैं।
पर्वतगौड़ा ने अपनी अवैध मांग के साथ नागपाल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल को रिश्वत की मांग की। उन्होंने यह मांग उनके उपकरणों की सप्लाई के बदले की थी। नागपाल ने इस रिश्वत की चुकाने का आश्वासन दिया और बताया कि यह रिश्वत 7 मई को आरएमएल अस्पताल में पहुंचाई जाएगी।
26 मार्च को, पर्वतगौड़ा ने अबरार अहमद से रिश्वत की मांग की। इस रिश्वत की मांग का कारण था अबरार द्वारा सप्लाई किए गए उपकरणों को प्रमोट करना। अबरार ने पर्वतगौड़ा द्वारा बताए गए अकाउंट में अपने एक्सिस बैंक के खाते से 1 लाख 95 हजार रुपये भेजे। करीब एक महीने बाद, पर्वतगौड़ा ने फिर से अबरार से संपर्क किया और जल्दी से जल्दी बची रकम देने के लिए कहा।
कैश के अलावा, यूपीआई के माध्यम से भी रिश्वत ली गई। इस घटना का मुख्य निर्णय तब हुआ जब उन्हें यूरोप के लिए यात्रा करनी थी। उस समय, अबरार ने गौड़ा से जल्द ही रकम पहुंचा देने का आश्वासन दिया। इसके बाद, 22 अप्रैल को, पर्वतगौड़ा ने आकर्षण गुलाटी से संपर्क किया, जिससे भी रिश्वत मांगी गई। उस समय, आकर्षण ने बताया कि वह वर्तमान में बाहर हैं। 24 अप्रैल तक, कंपनी की कर्मचारी मोनिका सिन्हा के बारे में बात हुई, और उसके हाथों पैसे भेजे जाने का वायदा किया गया। उसी दिन, गौड़ा ने मोनिका से संपर्क किया, जिसने कैश के साथ ही 36 हजार रुपये यूपीआई के माध्यम से दिए।
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