Delhi News: दिल्ली सरकार की मुश्किलें रोजोना बड़ती जा रही है। आपको बता दे दिल्ली सरकार पर केंद्रीय सूचना आयुक्त ने सूचना के अधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इसे लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को सीआईसी ने चिट्ठी भी लिखी है। इस पत्र के आधार पर मुख्य सचिव को उपराज्यपाल ने इस मसले में कार्रवाई का निर्देश दिया है। आपको बता दे इसे लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में ठन गई है।
आपको बता दे केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने बताया कि कई विभाग व एजेंसियां आधी-अधूरी जानकारी देते है और इसी के साथ ही कई मामलों को आपसी मिलीभगत से रफा-दफा कर रहे हैं। दरअसल इससे आम जनता का हित भी प्रभावित हो रहा है।
उधर अगर बात करे दिल्ली सरकार की तो उनका आरोप है कि सीआईसी ने यह पत्र भाजपा के कहने पर लिखा है। यह बेहद दुखद घटना है कि सीआईसी भी गंदी राजनीति में लिप्त होती जा रही है। आपको बता दे दिल्ली सरकार को आरटीआई अधिनियम को लागू करने पर गर्व है।
आपको बता दे केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा था। जिसमें दावा किया है कि कई विभागों में आरटीआई के जवाबदेही में पारदर्शी तरीका नहीं अपनपाया है। आयुक्त माहूरकर ने कहा कि कई निजी अस्पताल कमजोर वर्ग के रोगियों को अनिवार्य उपचार प्रदान नहीं कर रहे थे।
दिल्ली सरकार ने इन अस्पतालों को रियायती दर पर जमीनें ली थी और इसके बदले में रोगियों को रियायती दर पर उपचार करने का समझौता हुआ था। माहूरकर ने बताया कि दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के 100 करोड़ रुपये के टेंडर को अधिकारिक टेंडर प्राइस से करीब 40 प्रतिशत कम रेट पर आवंटित कर दिया गया है लेकिन इसकी सूचना नहीं मिल रही है।
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