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नई दिल्ली: दिल्ली की अदालत ने एक एक महिला के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार में दिल्ली पुलिस आयुक्त को अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने मामले में कहा कि घटनाओं का वर्णन दिल्ली पुलिस के कामकाज की खराब और दयनीय स्थिति को दर्शाता है।
‘पुलिस आयुक्त ने जानकर नहीं दिया ध्यान’- कोर्ट
आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि पीड़िता शिकायत दायर करवाने के लगभग 36 दिन बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। अदालत ने कहा कि अगस्त 2022 में तीन अदालती आदेश जारी किए जाने के बावजूद पुलिस आयुक्त की ओर से जानबूझकर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके बाद अदालत ने 31 अगस्त को दिल्ली पुलिस को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
‘पीड़िता को दर-दर भटकना पड़ा’- कोर्ट
दिल्ली पुलिस द्वारा मामले में लापरवाही बरतने की बात करते हुए अदालत ने कहा कि पूरी बात सुधारात्मक कार्रवाई के लिए गृह सचिव, केंद्रीय गृह मंत्रालय के ध्यान में लाए जाने की जरुरत हैं, अदालत ने इससे पहले कहा था कि ‘‘पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता के साथ एक आरोपी की तरह व्यवहार किया और सामूहिक बलात्कार की पीड़ित महिला को दर-दर भटकने के लिए मजबूर किया।
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