India News (इंडिया न्यूज),(अजीत कुमार श्रीवास्तव), Delhi News: अब Blockchain Technology का उपयोग भारत में Crime investigation के क्षेत्र में भी तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यूं तो इस तकनीक का प्रयोग Currency Exchange और Insurance Sectors में पहले से होता रहा है। लेकिन भारत में Crime investigation के क्षेत्र में इस तकनीक का उपयोग पहली बार होने जा रहा है।
माननीय वी.के. सक्सेना दिल्ली का उपराज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से लगातार एक न एक जनहित योजना और काम पर मोहर लगा रहे हैं। आज,17 अगस्त को भी Blockchain Technology का शुभारंभ किया। साथ ही संबोधन में कहा मेरा यह निरंतर मानना रहा है कि Forensic Science Laboratory का काम पूर्ण रूप से Temper Proof और तेजी से हो। आशा है कि Block Chain Technology इस लक्ष्य को हासिल करने में सहायक सिद्ध होगी। आपको पता है कि Delhi Forensic Science Laboratory सभी तरह के Crime Investigation में दिल्ली पुलिस समेत सभी जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग करती है। पहले दिल्ली पुलिस क्राइम सीन से लिए सभी Physical Evidences को पेपरों के साथ यहां जमा कराती थी।
सूचनानुसार, जनवरी, 2019 से NIC के बनाए Tantransh Software की मदद से केस से जुड़े डाटा को केंद्रीय डाटा, केंद्र को भेजा जाने लगा और Automatically एक Unique Number Generate होने लगा। इसका उद्देश्य इन डाटा को संबधित एजेंसियों जैसे दिल्ली पुलिस, Prosecution, Jail और Court आदि से साझा करना था। इस व्यवस्था को और उन्नत, पारदर्शी एवं विश्वसनीय बनाने के लिए पिछले वर्ष E-Forensic Software में ब्लॉक चैन तकनीक को शामिल करने का निर्णय लिया गया।
दरअसल, ब्लॉक चैन तकनीक आंकड़ों कि एक ऐसी श्रृंखला है जिसके हर ब्लॉक में Transaction का एक Group होता है, जो इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इन्हे Encryption के माध्यम से सुरक्षित रखा जाता है। इसके अंतर्गत नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर्स द्वारा Verify होने के बाद Stakeholders के बीच Transaction के सभी विवरण एक बही में रिकॉर्ड हो जाते हैं।
ब्लॉक चैन तकनीक का कैसे होता है इस्तेमाल
सितंबर, 2022 से NIC ने इससे संबंधित सॉफ्टवेयर को बनाने और CCTNS से E- Forensic को Digitally Data Transfer के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर बनाने का काम शुरू किया था, जो अब पूरा हो गया है। इसमें जहां-जहां छेड़-छाड़ की आशंका थी वहां पर उसे तकनीक के जरिए अधिक पारदर्शी और Tamper Proof बनाने की कोशिश की गई है। QR Code के जरिए Registration, Report Uploading, तथा Dispatch के स्तर पर इसको और अधिक गोपनीय बनाया गया है।
संबोधन के अंत में राष्ट्रपति ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के गृह मंत्री श्री अमित शाह का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तकनीक को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पुरजोर समर्थन एवं सहयोग से पहली बार दिल्ली में Develop किया गया है। इस पूरे Initiative का सक्रिय नेतृत्व करने के लिए मैं माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का हार्दिक धन्यवाद करता हूं।इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने में भारत सरकार के गृह मंत्रालय, NIC, दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार का गृह विभाग और दिल्ली की विधि विज्ञान प्रयोगशाला की अहम भूमिका रही है, इसके लिए वह धन्यवाद के पात्र हैं। मैं आशा करता हूं कि आगे भी सभी विभाग इस क्षेत्र में मिल-जुल कर कार्य करते रहेंगे।
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