Sunday, July 7, 2024
HomeDelhiDelhi News: उपराज्यपाल ने तंबाकू उत्पादों के निर्माण, भण्डारण, वितरण और बिक्री...

India News (इंडिया न्यूज),Delhi News: वी.के.सक्सेना को हाल ही में दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया गया। जिसके बाद से लगातार एक के बाद एक एक्शन ले रहे हैं। ऐसा ही एक एक्शन तंबाकू उत्पादों पर लिया। राजधानी में तंबाकू उत्पादों (गुटखा/पान मसाला) पर प्रतिबंध को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। उपराज्यपाल ने जन स्वास्थ्य के मुद्दे को अधिक महत्व देते हुए भारत के संविधान के अनुच्छेद 239 एए (4) के तहत प्रदान की गई अपनी शक्तियों का उपयोग किया और राजधानी में मुंह के कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ये आदेश जारी किया है।

उपराज्यपाल ने निर्दिष्ट किया कि तंबाकू अब बच्चों और युवाओं को प्रभावित कर रहा

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध) अधिनियम 2011 के नियम 2.3.4 के अंतर्गत किसी भी खाद्य उत्पादों में सामग्री के रूप में उपयोग किए जाने वाले तंबाकू और निकोटीन युक्त उत्पादों की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है। उपराज्यपाल ने यह भी निर्दिष्ट किया कि तंबाकू उत्पाद अब बच्चों और युवाओं को प्रभावित कर रहे हैं और भविष्य की पीढ़ी के लिए इस खतरे को रोका जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिसूचना को सख्ती से लागू करने की जरूरत है और शहर में प्रवर्तन के प्रति कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद दिल्ली सरकार का खाद्य सुरक्षा विभाग जल्द ही प्रतिबंध को बढ़ाने की अधिसूचना जारी करेगा। यह कदम तंबाकू (सुगंधित या किसी भी नशे के साथ मिश्रित) के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाएगा जो गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू, खर्रा के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं।

इन नियमों के अनुरूप लगाए गए प्रतिबंध

इन प्रतिबंधित उत्पादों में पैक या अनपैक्ड तंबाकू उत्पाद शामिल हैं और यह खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 30 की उपधारा (2) के खंड (ए) के तहत अगले एक वर्ष तक लागू रहेंगे। इस साल अप्रैल में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी राजधानी में गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू और इस तरह के उत्पादों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि की थी। न्यायालय ने प्रतिबंध को रद्द करने के उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के सितंबर 2022 के फैसले को भी रद्द कर इसके खिलाफ केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए 2015 से पहले और 2021 तक जारी निषेध अधिसूचनाओं के खिलाफ तंबाकू व्यवसाय में संस्थाओं द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया था।

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