इंडिया न्यूज़, Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली की बात करे तो हर दिन 27 झपटमारी और 9 लूट होती है जिसमें से पुलिस केवल 54 प्रतिशत मामलो को ही सुलझा पाती है और 46 फीसदी बदमाश पुलिस की पकड़ में ही नहीं आते है।
दिल्ली देश की राजधानी होते हुए और दिल्ली पुलिस की तरफ से इतने पुख्ता इंतज़ाम होने का दवा करते हुए भी रोजाना बदमाश इतनी वारदातों को अंजाम देते है, यह बात हजम करनी मुश्किल लग रही है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है की दिल्ली पुलिस केवल 54 प्रतिशत मामलो ही सुलझा पा रही है और 46 फीसदी बदमाश ऐसे ही खुले घूम रहे है और पुलिस उनको गिरफ्तार नहीं कर पा रही।
वहीं लूट की बात करें तो हर रोज सात लोगों से लूट की जा रही है, फिर भी लूट की वरदात को सुलझाने में पुलिस ने अच्छा ग्राफ बनाया है। जो की लगभग 92 फीसदी तक पुलिस ने लूट की वारदातों को पुलिस ने सुलझाया है। पुलिस का कहना है की कोविड के बाद अचानक से झपटमारी और लूट के केस बढे है और अगर 2019 की बात करे तो केवल 6266 मामले ही आए थे जो वर्ष 2021 में बढ़कर 9,383 हो गए।
दिल्ली पुलिस के अनुसार अगर 1 जनवरी 2022 से लेकर 31 मई 2022 केवल 5 महीनो में लूट के लगभग 4,074 मामले सामने आए है। अगर एक दिन का औसत देखे तो हर रोज लगभग 26.98 मामले सामने आए है, पिछले साल यह ग्राफ प्रतिदिन 25.70 प्रतिशत तक था। पुलिस ने इस बार करीब 54.71 प्रतिशत केस ही लूट के सुलझा पाई है। जो पिछले साल का आंकड़ा 54.77 प्रतिशत था।
बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है की अब वो दिन या रात भी नहीं देखते और अपना शिकार ढूढ़ ही लेते है । अगर 2022 के पहले 5 महीनो की बात करे तो 1058 वारदाते हुई, जो करीब 7 मामले हर रोज आ रहे है। वहीं 2021 की बात करे तो इसमें 2,333 वारदाते हुई थी। इसका अगर ग्राफ देखा जाए तो प्रतिदिन 6.398 वारदाते हुई थी अर्थात पहले से ग्राफ बढ़ा है।
दिल्ली पुलिस का कहना है की झपटमारी एक गंभीर अपराध है। इससे निपटने के लिए कुछ विशेष प्रावधान किये गए है जैसे एंटी स्नैचिंग सेल हर जिले में और साइबर पुलिस थाना भी लूटपाट के बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए अपना सहयोग करती है।
यमुना विहार,कृष्णा नगर,आनंद विहार गीता कालोनी, सीमापुरी ,शाहदरा, प्रीत विहार,आईपी एक्सटेंशन, द्वारका,करोल बाग, मयूर विहार, तिमारपुर समेत कुछ इलाकों में ।
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