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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में राजनीति किसी ना किसी कारण गरमाई हुई रहती है और इस बार का कारण दिल्ली का शिक्षा मॉडल बना है और स्कूलों को लेकर सवाल उठाए जा रहे है। इस बार बीजेपी पार्टी ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर सवाल खड़े किए हैं, तो वहीं आप पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में छात्रों को दी जा रही सुविधाओं और स्कूलों के आधारभूत ढांचे में कई खामियां बताई हैं।
इस सियासी जंग को लेकर दिल्ली नगर निगम की ओर से आप को इन आरोपों का जवाब दिया गया है। इससे पहले पिछले दिनों सौरभ भारद्वाज दिल्ली नगर निगम के स्कूल में पहुंचे थे, जहां उन्होंने क्लास रूम और स्कूल का हाल दिखाते हुए बीजेपी से सवाल किया था।
नगर निगम ने कार्रवाई की मांग
दिल्ली नगर निगम ने पलटवार करते हुए कहा है कि 30 से 40 लोगों का समूह बिना किसी परमिशन के निगम के स्कूल में घुस जाता है। जिससे स्कूल में पढ़ रहे छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पाती। निगम ने आगे कहा कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए निगम के स्कूलों में पढ़ रहे छात्र और शिक्षकों को बेमतलब परेशान किया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम का कहना है कि इसको लेकर दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली बाल संरक्षण और अधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग आदि जैसी संस्थाओं को उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
दिल्ली नगर निगम ने कहा
निगम ने कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों का आधारभूत ढांचा निगम के स्कूलों से अच्छा है, इस बात को निगम अस्वीकार करते है। इसके साथ ही सरकार से यह सवाल किया कि क्या निगम के स्कूलों के आधारभूत ढांचे को सुधारने के लिए सरकार पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराती है?
सरकार नहीं दे रही निगम के स्कूलों को फंड
निगम का कहना है कि साल 2020-21 में दिल्ली सरकार ने निगम के स्कूलों के लिए शून्य धनराशि उपलब्ध कराई, जबकि साल 2021-22 में 21 करोड़ रुपये और साल 2022-23 के लिए 7.5 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई। यानी कि बीते 3 सालों में दिल्ली सरकार ने निगम के स्कूलों के रखरखाव और मरम्मत के लिए केवल 28.5 करोड रुपये ही उपलब्ध कराए हैं। वहीं दिल्ली सरकार अपने स्कूलों को प्रति वर्ष 1500 करोड़ से अधिक धनराशि उपलब्ध करती है।