Delhi News:
नई दिल्ली: दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा 2015 में “दिल्ली उच्च शिक्षा और कौशल विकास गारंटी योजना” का शुभारंभ किया गया था। जिसके तहत सरकार ने मध्यमवर्गीय लोगों के बच्चों के सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठायी थी। लेकिन इस योजना को लेकर सरकार की तरफ से की गई बड़ी नाकामयाबी सामने आई है।
दरअसल दिल्ली में इस योजना के जरिए 10वीं और 12वीं के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए 10 लाख तक आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रबंधन था। इस योजना के प्रचार के लिए दिल्ली सरकार ने 19 करोड़ रुपये खर्च कर दिए, लेकिन योजना के 7 साल बाद भी इसका लाभ कुछ ही छात्रों को मिल पाया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अब तक इस योजना के लिए 1,139 छात्रों ने आवेदन किया था, और उसमे सिर्फ 363 छात्रों को ही लाभ मिला हैं।
वहीं एक साथी न्यूज़ पोर्टल के अनुसार, वर्ष 2021-22 में इस योजना का लाभ पाने के लिए 89 छात्रों ने आवेदन किया, जिसमें से केवल दो छात्रों को ही लोन मिला। इस जानकारी के सामने आने के बाद से ही दिल्ली सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना कि क्या इस योजना का उद्देश्य सिर्फ प्रचार के लिए पैसे करने का था या इसका उद्देश्य वाकई गरीब बच्चों की मदद करना था।
ये भी पढ़ें: यमुना का जलस्तर भारी वर्षा के कारण एक बार फिर खतरे के निशान के करीब