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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को विधायक और मंत्री के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग के मामले में याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है। कोर्ट ने याचिका को औचित्यहीन कहते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि इसपर सुनवाई का कोई आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
वहीं इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सत्येंद्र जैन को विधायक और मंत्री के तौर पर अयोग्य घोषित करने मांग करने वाली अर्जी को खारिज कर दिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि दिल्ली सरकार में मंत्री और शकूर बस्ती से विधायक सत्येंद्र जैन ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पूछताछ के दौरान बताया था कि उनकी याददाश्त चली गई है। यह जानकारी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) द्वारा ट्रायल कोर्ट में भी दी गई है।
याचिका में दिया गया ये तर्क
याचिका में कहा गया कि दिल्ली सरकार देश के संविधान का अपमान कर रही है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि अगर किसी व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है और ऐसा कोर्ट में घोषित कर दिया जाता है तो उसे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की थी कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश दे कि दिल्ली सरकार सत्येंद्र जैन के कोरोना से संक्रमित होने और फिर याददाश्त खोने के बाद उनके द्वारा लिए गए सभी फैसले रद्द करें।
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