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Delhi Play Schools: CA की पोस्ट हुई वायरल, कहा “मेरी पढाई से ज़ादा खर्चा बच्चें के प्ले स्कूल का..”

• LAST UPDATED : April 13, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Play Schools: दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट आकाश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी परेशानी बताई कि बच्चों की स्कूल फीस बड़ रही है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बच्चे के प्ले स्कूल की फीस के रूप में 4.3 लाख रुपये भरे हैं, जो उनकी खुदकी पढ़ाई का खर्च भी नहीं था। शिक्षा के खर्च में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और बच्चों की फीस लाखों में पहुंच गई है। हर माता-पिता चाहता है कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले, लेकिन उसके लिए उन्हें भारी खर्च करना पड़ रहा है। जब एक दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने इस बात को सार्वजनिक किया, तो वो पोस्ट तुरंत ही वायरल हो गई। इस पर कई लोगों ने अपनी-अपनी कहानियाँ साझा की, जिनमें से कुछ ने यह भी कहा कि उनके बच्चे के प्ले स्कूल की फीस ही उनकी पूरी पढ़ाई के खर्च से भी अधिक है।

हम आपको बता दें कि आकाश कुमार ट्रेडिंग का काम करते हैं और उन्होंने बताया कि बच्चे के प्ले स्कूल की फीस सालाना 4.3 लाख रुपये है। वे उम्मीद करते हैं कि उनका बेटा वहाँ अच्छे से खेलना सीखेगा। उन्होंने इस पोस्ट के साथ एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया है, जिसमें बच्चे के प्ले स्कूल की फीस का विवरण है। इसमें रजिस्ट्रेशन, वार्षिक शुल्क और टर्म फीस शामिल हैं।

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Delhi Play Schools: पोस्ट को मिला कई लोगों का रिएक्शन!

सोशल मीडिया पर आकाश कुमार की यह पोस्ट बहुत ही धमाकेदार प्रतिक्रिया पा रही है। अब तक इसे 20 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है। इस पोस्ट को 15 हजार से ज्यादा लाइक मिले हैं, 2100 से ज्यादा रीट्वीट हुए हैं, और हजारों कमेंट भी आए हैं। लोगों के कमेंट्स में विभिन्न प्रकार के रोचक विचार आ रहे हैं। इस बड़े फीस पर कई लोग हैरान हैं। साथ ही, प्ले स्कूल द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के स्तर पर भी चर्चा हो रही है।

एक यूजर ने लिखा कि कई एमएनसी कंपनियाँ अपने कर्मचारियों को इससे कम सैलरी देती हैं। उन्हें चाहिए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस सेक्टर में भी प्रयोग हो। एक अन्य यूजर ने सरकार को इस दिशा में दोष दिया। उन्होंने लिखा कि सरकारी स्कूलों की खराबी के कारण ही यह हालत पैदा हुई है। एक अन्य ने लिखा कि फैंसी बिल्डिंग्स और सुविधाओं की मांग के कारण ही अभिभावकों को यह पैसा भुगतना पड़ रहा है।

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