Delhi Police:
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police), स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट (इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट) ने देशभर में लोगों से बिजली बिल अपडेट करवाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गैंग को पकड़ लिया है। पुलिस ने इसका खुलासा करने के लिए 10 दिन तक छापेमारी की जिसके बाद देशभर के 22 शहरों से कुल 65 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, इनमें 11 महिलाएं भी हैं।
आपको बता दें कि गृहमंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर 200 से ज्यादा लोगों ने ऐसी ठगी की शिकायतें की थी। पुलिस को आरोपियों के पास से कुल 45 मोबाइल, 60 डेबिट कार्ड, 9 चेकबुक, 7 पासबुक, 25 पहले से एक्टिवेटेड सिमकार्ड मिले हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करके मामले की छानबीन में लगी हुई है।
आईएफएसओ यूनिट के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा से पता चला की उन्हें पिछले दिनों ठगी का एक नया तरीका पता चला था। साइबर ठगी करने वाले बदमाश किसी के भी मोबाइल पर रैंडम मैसेज भेज रहे थे, जिसमें लिखा था कि, उनका बिजली का बिल कंपनी केसिस्टम में अपडेट नहीं है। आज रात उनकी बिजली काट दी जाएगी।
पुलिस ने जब इस बात की पड़ताल की तो पता चला कि बीएसईएस स्कैम की 200 से अधिक शिकायतें एनसीआरपी हो रखी हैं। इसके बाद तुरंत चार एसीपी, कई इंस्पेक्टर समेत 50 से अधिक पुलिस कर्मियों की टीम को जांच में लगाया गया। पुलिस ने उन खातों की जांच की जिनमें रकम को ट्रांसफर किया गया था। साथ ही आरोपियों ने जिन मोबाइलों से ठगी की, उनकी भी पड़ताल हुई।
ज्यादातर मोबाइल बंद पाए गए, लेकिन फिर भी पुलिस ने उनकी लोकेशन का पता लगा लिया। आरोपियों की तलाश में छापेमारी के लिए लगातार 10 दिन छापेमारी चली जिसके बाद 22 शहरों से कुल 65 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के द्वारा इनके 100 से अधिक खातों को फ्रीज किया गया है।
दिल्ली पुलिस की टीम ने इस गैंग को गिरफ़्तार करने के लिए जयपुर, इंदौर, लुधियाना, जामताड़ा, करमाटांड़, गिरिडीह, देवगढ़, धनबाद, कोलकाता, उत्तरी-दिनाजपुर, मेदिनीपुर वेस्ट और ईस्ट, 24 परगना, पश्चिम बंगाल, अहमदाबाद, गांधी नगर, सूरत, मुंबई, कटिहार, बिहार और दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की थी।
छानबीन करने पर पुलिस को पता चला कि पुलिस की सख्ती को देखते हुए आरोपियों ने ठगी की रकम के उपयाग के लिए ई-मित्रों का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। आरोपी ठगे हुए रकम को इस्तेमाल करने के लिए ई-मित्रों के पास लोगों के बिल चुकाने में इस्तेमाल करने लगे। इतना नहीं इन आरोपियों ने फर्जी कागजात के आधार पर दर्जनों क्रेडिट कार्ड भी बनवाए हुए थे।
ठगी करने के लिए आरोपी सिम वेंडर की सहायता से पहले से एक्टिवेटेड सिम खरीदते थे। टेलिकॉलर उन सिम से लोगों को बिजली बिल अपडेट न होने पर बिजली कटने की सूचना के साथ ही एक नंबर भी भेजते थे। जैसे ही पीड़ित उस नंबर पर कॉल करता था तो आरोपी उनके खाते की सारी जानकारी या उनके मोबाइल को हैक कर लेते थे। इसके बाद उनके खाते में सेंध लगाकर ऑन लाइन उनकी रकम को ट्रांसफर कर लेते थे।
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