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Delhi Police: अवैध होटलों-गेस्ट हाउस पर दिल्ली पुलिस ने उठाया ठोस कदम, जानिए क्या है तैयारी

• LAST UPDATED : May 4, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में चल रहे अवैध होटलों और गेस्ट हाउसों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का एक बड़ा फैसला लिया है। हम आपको बता दें कि पुलिस ने ऑनलाइन होटल बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म्स के संचालकों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी होटल या गेस्ट हाउस को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर शामिल करने से पहले उसका लाइसेंस अवश्य देखे। इसके साथ ही, अवैध होटलों की जानकारी को भी पुलिस के साथ साझा करने का निर्देश दिया गया है।

दिल्ली पुलिस के लाइसेंस विभाग के एक प्रमुख ने बताया कि अवैध होटल कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है, क्योंकि ऐसे होटल में आतंकवादी या अन्य अपराधिक तत्व ठहर सकते हैं। वह यह भी जोड़ते हैं कि अपराधों को बढ़ावा देने वाले यहां के होटलों की जिम्मेदारी भी है। इस संदर्भ में, जब लोग ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल करके होटल बुक करते हैं, तो उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखना ज़रूरी है।

Delhi Police: बढ़ रही है अवैध होटलों की संख्या

दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के संचालकों को सूचित किया है कि शहर में अनधिकृत होटलों की संख्या में बड़ी वृद्धि हो रही है। इन होटलों का अधिकांश ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ा हुआ है। लिखित निर्देश के बावजूद, दिल्ली में होटल चलाने के आवेदनों में वृद्धि देखी जा रही है। उपराज्यपाल के निर्देशानुसार, लाइसेंस प्राप्ति की प्रक्रिया सरल हो गई है, लेकिन अब भी बहुत से होटल लाइसेंस के बिना कार्य कर रहे हैं।

Delhi Police: सुरक्षा के लिए प्रभंध ज़रूरी

सुरक्षा की उचित प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि होटल का लाइसेंस सुरक्षित होने का सबूत होता है। होटल निगम और पुलिस के साथ साझेदारी के बाद, लाइसेंस प्राप्त किया जाता है, जिसमें दमकल विभाग से भी एनओसी लेनी होती है। लाइसेंस देने से पहले, पुलिस सुनिश्चित करती है कि होटल ग्राहकों की सुरक्षा के उपाय उचित हैं। यह सुरक्षा के उचित प्रबंधन और आग से बचाव के उपायों को शामिल करता है।

इतने दिनों में मिलता लाइसेंस

एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में लाइसेंस प्राप्त करना बहुत सरल है। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद, 49 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाता है। अगर कोई लाइसेंस नहीं मिलता है, तो उसका कारण पुलिस को बताना पड़ता है। 49 दिन से अधिक समय तक आवेदन को लंबित नहीं रखा जा सकता है।

इसे विचारते हुए, बैठक में पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से होने वाली बुकिंग भी आईटी एक्ट के दायरे में आती है। अगर कोई आतंकी घटना या अपराध किया जाता है, तो बुकिंग करने वाले प्लेटफ़ॉर्म की भी जिम्मेदारी होती है। यह आईटी एक्ट के अन्तर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।

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