इंडिया न्यूज, नई दिल्ली Mundka Fire : दिल्ली पुलिस मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में हुए भीषण अग्निकांड मामले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की भूमिका की भी जांच करेगी। पुलिस ने बताया कि इमारत के मालिक मनीष लकड़ा और दो कंपनी मालिकों हरीश गोयल और वरुष गोयल सहित कुल 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीसीपी (आउटर डिस्ट्रिक्ट) समीर शर्मा ने रविवार को बताया कि आग लगने के बाद से फरार चल रहे इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा को आज गिरफ्तार कर लिया गया। बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकड़ा अपनी पत्नी, मां और बच्चो के साथ उसी बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर रहता था, जो आग लगने के बाद परिवार समेत वहां से निकल गया था। पुलिस लगातार उसकी लोकेशन को ढूंढ रही थी। उसे आज घेवरा मोड़ से गिरफ्तार कर लिया गया। इमारत में जो कंपनी चल रही थी उसके मालिकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीसीपी ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस हादसे के संबंध में दोषियों का पता लगाने के लिए हर उस एजेंसी को पत्र लिखेगी और उनके रोल की भी जांच करेगी। डीसीपी ने बताया इस बिल्डिंग के लिए फायर डिपार्टमेंट सहित किसी तरह की एनओसी नहीं ली गई थी। इतना ही नहीं, मनीष ने जब फैक्ट्री चलाने के लिए यह बिल्डिंग किराये पर दी थी तो उसने किरायेदारों का वैरिफिकेशन तक नहीं कराया था। डीसीपी ने बताया कि कॉफे इम्पैक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भी इस बिल्डिंग में किराये पर चलती थी। जो सीसीटीवी और 4जी राउटर बनाती थी। हादसे से पहले यहां सेल्स मोटिवेशन प्रोग्राम चल रहा था।
उन्होंने बताया कि मुंडका की इमारत में हुए हादसे में कुल 27 लोग मर चुके हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 8 लोगों की ही पहचान हो सकी है, जिनके पोस्टमॉर्टम भी शनिवार को हो गए हैं। सभी मृतकों के डीएनए सैंपल ले लिए गए हैं और शिनाख्त की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद से 27 लोग भी लापता हैं, जिनमें 21 महिलाएं और 6 पुरुष हैं। पुलिस ने घटना के संबंध में आईपीसी की धाराओं 304,308,120 ठ के तहत एफआईआर दर्ज की है। अभी इस मामले की जांच जारी है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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