Delhi Politics:
नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र सरकार के बीच आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर विवाद चलता रहता है। एक बार फिर से भाजपा ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। आरोप लगाते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि केजरीवाल पहले भ्रष्टाचार करते हैं और बाद में जनता को से RTI जानकारी प्राप्त करने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। भाजपा इसके विरोध में संघर्ष करेगी।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस वार्ता में कहा कि आरटीआई से किसी भी विभाग की जानकारी प्राप्त करना जनता का अधिकार है। यदि राज्य के सूचना अधिकारी जवाब नहीं देते हैं तब केंद्रीय सूचना आयुक्त के पास अपील की जाती है। दिल्ली के सूचना अधिकारी सुनवाई के समय अनुपस्थित रहते हैं। केंद्रीय सूचना आयुक्त को भी जवाब नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, बिजली विभाग सहित अन्य विभागों से संबंधित जानकारी जनता को नहीं दी जा रही है।
गौरव भाटिया ने कहां कि, नियम के अनुसार रियायती दर पर जमीन प्राप्त करने वाले अस्पतालों में गरीब वर्ग के मरीज का निशुल्क इलाज होना चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। दिल्ली में लगभग 15 सौ करोड़ रुपये का इलाज गरीबों को नहीं मिला। इस संबंध में आरटीआई से मांगी गई जानकारी नहीं दी गई। दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन भ्रष्टाचार के आरोप में लगभग चार माह से जेल में हैं। उन्हें जमानत नहीं मिल रही है। हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद भी केजरीवाल उन्हें मंत्री पद से नहीं हटा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल की उस बात को भी दोहराया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के बिना हस्ताक्षर के फाइल आगे बढ़ाने की बात कही थी। गौरव भाटिया ने कहा कि उपराज्यपाल के पास भेजी जाने वाली फाइल पर मुख्यमंत्री हस्ताक्षर नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार में फंसने का डर है। अपने पास बिना कोई मंत्रालय रखे भ्रष्टाचार करा रहे हैं। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति जब उन्हें उनकी सरकार के कामकाज के तरीके पर आपत्ति करता है तब वह उसे लव लेटर बताकर मजाक उड़ाते हैं।
सीएस केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को इशारे पर भ्रष्टाचार होने की बात कहते हुए कहा कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) में दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी है। इसके बावजूद डिस्काम से संबंधित जानकारी देने से यह कहकर मना कर दिया जाता है कि यह विषय आरटीआई के अंतर्गत नहीं आता है। हाई कोर्ट द्वारा इस विषय पर दिए गए स्टे आर्डर का हवाला दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है कि यदि किसी स्टे आर्डर को विस्तार नहीं दिए जाने पर छह माह में वह समाप्त हो जाता है।
मनीष सिसोदिया पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि जैन से ज्यादा कट्टर बेईमान सिसोदिया हैं। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के इशारे पर भ्रष्टाचार हो रहा है। दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार छिपाने के लिए आरटीआई के अंतर्गत जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है।
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