India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Pollution: अब दिल्ली में वायु प्रदूषण का खतरा इतना बढ़ गया है कि इंसानों ने पशु-पक्षियों तक को अपने नियंत्रण में छोड़ दिया है। इसका असर दिल्ली चिड़ियाघर में भी देखने को मिला है। हालांकि दिल्ली चिड़ियाघर में पेड़-पौधों के इलाज से होने वाले प्रदूषण का असर सामान्य से कम है, लेकिन प्रदूषण का खतरा अब चिड़ियाघर में रहने वाले जानवरों और पक्षियों पर भी दिखने लगा है। यही वजह है कि दिल्ली चिड़ियाघर प्रशासन ने प्लांट के अंदर पौधे की सिंचाई का काम शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण (AQI) में बढ़ोतरी को देखते हुए दिल्ली प्रशासन ने यह कदम उठाया है। ताकि जू के अंदर रहने वाले पक्षियों पर प्रदूषण का असर कम हो और कोई बीमारी न हो। हाल फिलाल दिल्ली के नेशनल बॉटनिकल गार्डन में कर्मचारियों के लिए पानी छिड़काव करने का ऑर्डर दिया गया है।
नेशनल जूलॉजिकल पार्क के निदेशक कहते हैं, “हमारे पास जल छिड़काव की सुविधा है। हम उनका उपयोग करते हैं। ताकि जब पौधों को पानी मिले तो पक्षियों और पत्तियों पर धुंध का असर कम हो।” उन्होंने बताया कि हमारे पास के चिड़ियाघर के अंदर बहुत हरियाली है, इसलिए बाहरी इलाकों की तुलना में यहाँ अधिक ऑक्सीजन है। यह जानवरों का ख्याल रखता है।
#WATCH | Sprinkling of water done in Delhi's National Zoological Park, as a measure against the rise in Air Quality Index (AQI) in the national capital (04/11) pic.twitter.com/ufyMDFV4YU
— ANI (@ANI) November 5, 2023
एनजेपी होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर आकांक्षा महाजन ने आगे बताया कि इस बार अक्टूबर से विंटर डाइट ऑफर का काम भी शुरू हो गया है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। इसे ध्यान में रखते हुए जानवरों को अधिक बहुपोषक तत्व दिये जाने लगे हैं।
आपको बता दें कि 5 नवंबर 2023 को भी देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर पर है. इसका मतलब है कि कोई भी इंसान प्रदूषण की चपेट में आ सकता है। इंसान ही नहीं अब जानवर भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। सीपीसीबी के मुताबिक, पूरी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। सुबह 5 बजे के आसपास दिल्ली में दृश्यता का स्तर बहुत कम हो जा रहा है।
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