Delhi Pollution: दिल्ली में लगातार दूसरे दिन यानी सोमवार को भी हवाओं में लगातार दूसरे सुधार हुआ है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता एजेंसी सीएक्यूएम ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण वापस लेने का ऐलान किया है। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर में गैर बीएस-6 हल्के वाहनों और ट्रकों को एंट्री लेने की परमिशन होगी। जरूरी निर्माण कार्य किए जा सकते हैं।
वहीं, प्रदूषण में सुधार होने के बावजूद दिल्ली 339 औसत एक्यूआई के साथ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित बना हुआ है। एनसीआर के नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है।
बता दें कि सबसे प्रदूषित शहर हरियाणा का धारूहेड़ा रहा। यहां AQI 345 दर्ज हुआ। गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की हवा बहुत खराब से खराब की श्रेणी में दर्ज की गई है। वायु मानक एजेंसियों के पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन दिन दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में रहने के आसार हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि रविवार को हवाओं की दिशा बदलने और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगी पाबंदियों के चलते स्थानीय प्रदूषण कम रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक पाबंदियां लंबे समय तक लागू रहने से एनसीआर के शहरों की हवा बद से बदतर होने से बच सकेगी।
पर्यावरणविद विमलेंदु झा के मुताबिक सीएक्यूएम का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। हवा की गुणवत्ता में हल्का सुधार ही हुआ है, जो केवल दो दिन से दिख रहा है। पहले सरकार को स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए था। पर्यावरणविद ज्योति पांडे का कहना है कि सरकार प्रदूषण के स्रोत पर नियंत्रण के बदले आग बुझाने जैसे उपाय कर रही है।
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