India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Pollution: 9 नवंबर की रात और अगले दिन दिल्ली-एनसीआर में हुई छिटपुट बारिश से प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिली है। सबसे ज्यादा राहत दिल्ली सरकार को मिली क्योंकि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त हो गया है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो गया है कि खुली हवा में मानव जीवन के लिए ऑक्सीजन की कितनी मात्रा आवश्यक है? यह बारिश ऐसे वक्त हुई जब सरकार कृत्रिम बारिश की तैयारी कर रही थी। इस बारिश ने आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों को भी राहत दी है। सबसे ज्यादा राहत दिल्ली सरकार को मिली क्योंकि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त हो गया है।
हम सभी जानते हैं कि पेड़-पौधे ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत हैं। जब हम सांस लेते हैं तो उनकी मदद से सांस लेते हैं। कहा जा सकता है कि हमारी हर सांस पौधों की ऋणी है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि खुली हवा में ऑक्सीजन की वास्तविक मात्रा कितनी होती है? विज्ञान के अनुसार खुली हवा में ऑक्सीजन की मात्रा 20.95 प्रतिशत होती है। लगभग 78 प्रतिशत नाइट्रोजन खुली हवा में पाई जाती है। बाकी अन्य गैसें हैं। ऑक्सीजन पानी में भी घुलनशील है, जहाँ से जलीय जीवों को ऑक्सीजन मिलती है।
ऑक्सीजन सिर्फ इंसान के सांस लेने के लिए जरूरी नहीं है. यह और भी कई चीजों में उपयोगी है। औद्योगिक क्रांति में भी यह बहुत उपयोगी है। जैसे ही यह कार्बन पेट्रोलियम से मिलता है तो विस्फोटक भी हो जाता है। फिर इसका उपयोग चट्टानों को तोड़ने में भी किया जाता है। इसका उपयोग लोहे की मोटी चादरें काटने तथा मशीनों के टूटे हुए हिस्सों को जोड़ने में भी किया जाता है। ऑक्सीजन एक रंगहीन, स्वादहीन, गंधहीन गैस है। इसकी खोज में जे प्रीस्टले और सीडब्ल्यू शेली ने अहम भूमिका निभाई है।
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