India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Pollution, संववादाता, अनिल भारद्वाज, गुरुग्रामः मिलेनियम सिटी-गुरुग्राम में दीपावली पर खूब आतिशबाजी हुई लेकिन बीते वर्षों के मुकाबले कम रहा वायु प्रदूषण। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि लोगों में पर्यावरण को लेकर सजगता, गंभीरता रहने के कारण वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी उस स्तर पर नहीं हुई, जिसका खतरा बना हुआ था।
दीपावली की रात आसमान पटाखों के रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था। शहर में गूंजती पटाखों की आवाज को देखते हुए माना जा रहा था कि दीपावली के बाद वायु प्रदूषण की मोटी परत शहर में छा जाएगी। पटाखों के कारण वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई लेकिन वायु प्रदूषण उस स्तर पर नहीं बढ़ा जितना डर बना हुआ था। यह सही है कि दीपावली से दो-एक दिन पहले शहर में स्वच्छ हवा थी और दीपावली के अगले दिन सोमवार को वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ दर्ज किया गया। गुरुग्राम में करीब एक माह से वायु प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 400 के आस पास दर्ज किया जा रहा था। पीएम 2.5 का स्तर 50 से अधिक होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। साइबर सिटी में 9 नवंबर को हल्की वर्षा होने के बाद लोगों को वायु प्रदूषण में राहत मिली थी।
10 नवंबर शुक्रवार को पीएम 2.5 का स्तर 156 और शनिवार को पीएम 2.5 का स्तर 129 दर्ज किया गया था।
12 नवंबर को दिन में भी स्वचछ हवा रही। पीएम 2.5 का स्तर 193 दर्ज किया गया था। गुरुग्राम के पास मानेसर में पीएम 2.5 का स्तर 104 दर्ज हुआ था।
13 नवंबर को सुबह 8 बजे शहर के अलग अलग हिस्सों में प्रदूषण का स्तर दर्ज किया गया। जिसमें शहर के बीचों बीच लघु सचिवाल के पास पीएम 2.5 का स्तर 257 और सेक्टर 51 में पीएम 2.5 का स्तर 346 तथा गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड स्थित अरावली पहाड़ी पर टेरी ग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 279 दर्ज किया गया। इसके अलावा ग्वाल पहाड़ी के पास पीएम 2.5 का स्तर 240 दर्ज किया गया। मानेसर में पीएम 2.5 का स्तर 260 दर्ज किया गया।
1 नवंबर – 398
2 नवंबर – 402
3 नवंबर – 400
4 नवंबर – 389
5 नवंबर – 410
6 नवंबर – 403
7 नवंबर – 407
8 नवंबर – 401
9 नवंबर – 400
10 नवंबर – 156
11 नवंबर – 129
12 नवंबर – 193
13 नवंबर – 346
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2013 – 221
2014 – 195
2015 – 170
2016 – 500
2017 – 420
2018 – 827
2019 – 870
2020 – 423
2021 – 479
2022 – 350
2023 – 346
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लोगों को जारूगक करने का अभियान कही न कही असर दिखा रहा है। आतिशबाजी हुई है लेकिन बीते वर्षों के मुकाबले कम हुई और लोगों ने ग्रीन पटाखों को प्रमुखता दी। जिस कारण वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी अधिक नहीं हुई।
कुलदीप सिंह, क्षेत्रिय अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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