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Delhi Pollution: हर साल दिल्ली में क्यों घुटता है दम, क्यों जहरीली बन जाती है राजधानी? जानिए हर सवाल का जवाब

• LAST UPDATED : October 22, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में सर्दी की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण की सफेद चादर राजधानी पर छाने लगी है। हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है और अब प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। इसका उदाहरण शनिवार (21 अक्टूबर) को भी देखने को मिला, जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों ने ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (GRAP) के स्टेज 2 को लागू किया। सीएनजी/इलेक्ट्रिक बसें और मेट्रो सेवाएं बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार चाहती है कि लोग अपने निजी वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें, ताकि प्रदूषण रोकने में मदद मिल सके। ऐसे में वायु प्रदूषण से जुड़े कई सवाल हैं जो लोगों के मन में उठ रहे हैं।

वायु प्रदूषण क्या है?

सरल भाषा में कहें तो जब शुद्ध हवा में जहरीली गैस, धूल या धुआं मिल जाता है तो वह प्रदूषित हो जाती है। इस वजह से यह हवा इंसानों, जानवरों और पौधों के लिए खतरनाक हो जाती है।

दिल्ली-NCR में क्यों होता है वायु प्रदूषण?

दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता खराब होने के पीछे का कारण वाहनों, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, निर्माण के कारण पैदा होने वाली धूल और पराली जलाना है। दिल्ली में मेट्रो और बस की सुविधा होने के बावजूद भी लोग अपने वाहन से ही यात्रा करना पसंद करते हैं। ऊपर से दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग हिस्सों में हमेशा कंस्ट्रक्शन चलता रहता है, जिससे धूल उड़ती रहती है। हरियाणा-पंजाब में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं दिल्ली की ओर भी आता है।

वायु प्रदूषण का प्रभाव क्या है?

फेफड़ों के कैंसर से लेकर सांस लेने में तकलीफ तक, ये कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो ज्यादातर लोगों को गंदी हवा में सांस लेने के कारण होती हैं। इन बीमारियों का सबसे ज्यादा शिकार बच्चे बनते हैं।

AQI का क्या मतलब है?

AQI के जरिए पता चलता है कि इस वक्त हवा कितनी खराब है और इसके और खराब होने की कितनी गुंजाइश है। AQI सूचकांक 0 से 301 और उससे अधिक के बीच होता है। अगर AQI 0 से 50 के बीच है तो इसका मतलब है कि लोग सबसे अच्छी हवा में सांस ले रहे हैं. यह एक अच्छा AQI है।

PM2.5 और PM10 क्या है?

पीएम का मतलब पार्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण है, जो वायुमंडल में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। ये इतने छोटे हैं कि इन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता। इन्हें देखने के लिए इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है। PM2.5 और PM10 दो प्रकार के कण प्रदूषण हैं। PM2.5 वायुमंडलीय कण प्रदूषण को संदर्भित करता है। इस धूल कण का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम है।

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