केजरीवाल ने कहा कि ये लग्जरी बसें पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी। बस में कम से कम 9 सीटें होनी चाहिए। इन बसों में वाईफाई, जीपीएस, सीसीटीवी होंगे। इन बसों में खड़े होकर यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी, सभी को सीट मिलेगी। इन बसों में सीटें डिजिटल तरीके से बुक करनी होंगी। कोई भी व्यक्ति ऐप पर जाकर इन बसों में सीट बुक कर सकेगा। किराए का भुगतान केवल डिजिटल माध्यम से ही किया जा सकेगा। बस के अंदर टिकट नहीं मिलेगा। पॉलिसी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इन बसों का रूट दिल्ली सरकार नहीं, बल्कि बस ऑपरेटर तय करेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि इसे 18 अगस्त, 2022 को जनता के सुझाव के लिए रखा गया था। 8 सितंबर तक लोगों के सुझावों के बाद 8 मई को मंजूरी दी गई और 25 मई को एलजी से मंजूरी मिल गई। मंजूरी मिलने के 90 दिनों के भीतर योजना को लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके तहत दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली सीएनजी बसें तीन साल से ज्यादा पुरानी नहीं होंगी। 1 जनवरी 2025 के बाद इस योजना में जो नई बसें शामिल की जाएंगी, वे केवल इलेक्ट्रिक बसें होंगी। लाइसेंस लेने वाले एग्रीगेटर कम से कम 25 बसें होनी चाहिए। इस योजना में भाग लेने वाली इलेक्ट्रिक बसों पर लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा मिलेगा और अधिक से अधिक ई-बसें उपलब्ध होंगी।
योजना के बारे में बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि बसों में ज्यादातर निम्न मध्यम वर्ग और आर्थिक वर्ग के लोग यात्रा करते हैं। यह योजना मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग को अपने निजी वाहन छोड़कर बसों में यात्रा करने के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू की जा रही है। एक लाइसेंस धारक कम से कम 25 लग्जरी बसें लाएगा, जो दिल्ली की सड़कों पर चलेंगी।
इसे भी पढ़े: Fire Incident In Delhi: दिल्ली के विकासपुरी में तीन इमारतों में लगी भीषण आग,…