Delhi PUC Center:
नई दिल्ली। देश में हर गाड़ी का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) होना बेहद जरूरी होता है और अक्सर ही गाड़ी से सफर करने वाले लोग अपने वाहन का प्रदूषण चेक कराने के लिए सड़क पर रूका करते हैं। यदि आप बेरोजगार है और अपना कारोबार शुरू करना चाहतें हैं तो प्रदूषण जांच केंद्र खुलना आपके लिए बहेतर साबित हो सकता हैं। आइए जानतें हैं क्या हैं पूरी खबर। आप मात्र 10 हजार रुपये के निवेश से इसकी शुरूआत कर सकते हैं।
क्यों जरूरी है PUC सर्टिफिकेट?
जैसा कि आप ये जानतें होंगे कि देश में हर गाड़ी के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट होना जरूरी होता है। जिसका रजिस्ट्रेशन RTO में कराना होता है। अब चाहें डीजल-पेट्रोल की गाड़ियां चलते हों या सीएनजी, पीएनजी या एलपीजी हर गाड़ी का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट होना जरूरी होता है। यदि किसी वाहन चालक के पास सर्टिफिकेट नहीं होता हैं तो उस पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है। आपको बता दें कि पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बीएस-4 और बीएस-6 गाड़ियों के लिए एक साल और अन्य गाड़ियों के लिए तीन महीने तक मान्य होता है।
PUC सेंटर खोलने की यह होती शर्तें
यदि आप प्रदूषण जांच केंद्र खोलने चाहतें हैं तो आपको इसका केबिन पीले रंग का रखना होगा। इसमें केबिन का आकार-प्रकार भी तय किया जाता है। आम तौर पर यह केंद्र पेट्रोल पंप के आसपास ही खोला जाता है। केंद्र से जितने वाहनों को पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी किया गया है, उनका रिकॉर्ड इन्हें एक साल तक रखना होता है। इसके अलावा किसी केंद्र की ओर से जारी सर्टिफिकेट पर सरकार की ओर से जारी स्टीकर लगाना अनिवार्य होता है।
कौन देता केंद्र खोलने का लाइसेंस?
आपको बता दें कि प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का लाइसेंस RTO द्वारा जारी किया जाता है। इसका आवेदन करते समय आवेदक को अपने साथ 10 रुपये के स्टांप पर एक एफिडेविट भी देना होता है। इसके अलावा कुछ स्थानीय कार्यालयों से एनओसी भी लेना होता है। इस जांच केंद्र को शुरू किए जाने के लिए लाइसेंस के अलावा एक कंप्यूटर, यूएसबी वेब कैमरा, कंप्यूटर प्रिंटर, इंटरनेट का कनेक्शन और बिजली का कनेक्शन और स्मोक एनलाइजर का होना जरूरी होता है।
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