इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Delhi Riots Conspiracy : दिल्ली दंगे की साजिश रचने के आरोपित शरजील इमाम और खालिद सैफी की जमानत पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने निर्णय टाल दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में 30 मार्च को शरजील और 31 मार्च को खालिद सैफी की जमानत ओर निर्णय सुनाया जाएगा।
दरअसल, इससे पहले दिल्ली दंगा मामले में आरोपित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम की जमानत अर्जी पर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा कि शरजील इमाम ने अपने भाषणों के जरिये असम में नरसंहार के बारे में झूठ फैलाया और मध्य भारत से देश के पूवरेत्तर क्षेत्र तक पहुंच को बाधित करने के लिए एक विशेष धार्मिक वर्ग को उकसाया था।
दिल्ली पुलिस ने दलील दी कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए शरजील इमाम को जमानत न दी जाए, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो आरोपित कानून की प्रक्रिया से बच सकता है और गवाहों को धमकी भी दे सकता है।
वहीं, एक अन्य मामले में मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिए कानून में संशोधन और जुमार्ना बढ़ाने के संबंध में दिए गए आदेशों का अनुपालन न होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से नाराजगी जताई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि जुमार्ना बढ़ाने के मामले पर कोर्ट ने पूर्व में मुख्य सचिव को निर्देश दिया था, पर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया और हमारा अनुरोध बहरे कानों में पड़ा।
पीठ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पर एक हलफनामा दो सप्ताह में कोर्ट में दाखिल करें। ऐसा न करने पर 22 अप्रैल को उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा। मच्छरों के प्रजनन से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रही पीठ ने सुनवाई के लिए याचिका को छह मई के लिए सूचीबद्ध किया है।
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